राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 19 2025 10:57PM सरकार सर्वोच्च न्यायालय के डीए आदेश का कानूनी तरीके से जवाब देगी-ममता

कोलकाता 19 मई (वार्ता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रदेश सरकार को तीन महीने के भीतर कर्मचारियों को 25 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) देने का आदेश दिए जाने के तीन दिन बाद सोमवार को कहा कि वह अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी, लेकिन कानूनी तरीके से इसका जवाब देंगी।
सुश्री ममता ने उत्तर बंगाल के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान मीडियाकर्मियों से कहा, 'मैं अदालत में लंबित किसी मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी। लेकिन मैं मामले में कानूनी तरीके से काम करूंगी। मैं आम तौर पर किसी विचाराधीन मामले पर बात नहीं करती। मैं कानूनी प्रावधानों के अनुसार काम करती हूं।'
राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक समूह द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ समानता की मांग करने वाली अपील के बाद शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश को 25 प्रतिशत डीए देने का निर्देश दिए जाने के बाद से मुख्यमंत्री और राज्य सरकार दोनों की ओर से यह पहली प्रतिक्रिया है।
इससे पहले मई 2022 में उच्च न्यायालय ने राज्य को केंद्र सरकार की दर पर डीए का भुगतान करने का आदेश दिया था। इससे पहले वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था और पिछले सप्ताह कहा था कि अगर इस मामले में कुछ भी कहा जाना है तो वह मुख्यमंत्री की ओर से ही आएगा।
वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार अपने कर्मचारियों को केवल 18 प्रतिशत डीए प्रदान करती है जबकि केंद्र सरकार और कई अन्य राज्य सरकारों को 55 प्रतिशत मिलता है। प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि राज्य कर्मचारियों को 25 प्रतिशत डीए बकाया का तुरंत भुगतान करने के निर्देश को पूरा करने से राज्य के खजाने पर लगभग 12,000 करोड़ रुपये या उससे थोड़ा कम खर्च हो सकता है।
राज्य के वित्त विभाग के अधिकारी भुगतान के लिए संभावित धन स्रोतों की पहचान करने के लिए तत्काल काम कर रहे हैं। इस बात की चिंता बढ़ रही है कि डीए भुगतान को समायोजित करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में कुछ श्रेणियों - जिसमें राज्य की कुछ कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं के तहत बजटीय आवंटन को कम करने की आवश्यकता हो सकती है।
जांगिड़
वार्ता