Friday, Jul 18 2025 | Time 19:42 Hrs(IST)
भारत


गुणवत्ता युक्त दवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच जरुरी: भारत

गुणवत्ता युक्त दवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच जरुरी: भारत

नयी दिल्ली 16 जून (वार्ता) भारत ने वैश्विक स्तर पर गुणवत्ता युक्त दवाओं की सार्वभौमिक पहुंच पर बल देते हुए कहा है कि संबद्ध देशों के औषधि नियामकों में आपसी सहयाेग और संवाद आवश्यक है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को यहां भारतीय फार्माकोपिया आयोग के नीति निर्माताओं के द्वितीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत संवाद और नियोजन से अपने साझेदार देशों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नियामक सहयोग को आगे बढ़ाने तथा फार्माकोपियल मानकों की मान्यता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने की आशा कर रहा है, ताकि ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के साझा लक्ष्य की दिशा में तेजी से प्रयास किये जा सकें।

गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता और वैश्विक स्वास्थ्य समानता के लिए नियामक सामंजस्य के महत्व पर जोर देते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि भारत किफायती स्वास्थ्य सेवा समाधानों के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरा है और ज्ञान-साझाकरण, क्षमता-निर्माण और स्वास्थ्य कूटनीति से अन्य देशों के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करना करना चाहता है। उन्होंने जन औषधि केंद्र उल्लेख करते हुए कहा कि टीके उपलब्ध कराने की दिशा में भारत ने बहुत तेज प्रगति की है। भारत टीकों का अग्रणी आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के कुल टीकों में से 70 प्रतिशत भारत के होते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल शुरू की और एक सौ से अधिक मित्र देशों को टीके की आपूर्ति की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत जेनेरिक दवा निर्माण में अग्रणी बना हुआ है। अमेरिका में जेनेरिक दवाओं का 14 प्रतिशत हिस्सा भारत से आता है। वर्तमान में 15 देश भारतीय फार्माकोपिया को दवा मानकों को मान्यता देते हैं। क्यूबा हाल ही में भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देने वाला 15वां देश बन गया है।

सम्मेलन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव, विदेश मंत्रालय की सचिव (दक्षिण) डॉ. नीना मल्होत्रा, भारतीय औषधि महानियंत्रक और भारतीय फार्माकोपिया आयोग के सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी भी शामिल हुए।

सम्मेलन में 24 देशों के नीति निर्माताओं और दवा नियामकों के प्रतिनिधिमंडल भाग लिया। इन देशों में लाइबेरिया, टोगो, माली, मॉरिटानिया, सिएरा लियोन, कैमरून, रवांडा, लेसोथो, एस्वातीनी, केन्या, बोत्सवाना, इथियोपिया, कोमोरोस, सेशेल्स, मेडागास्कर, पापुआ न्यू गिनी, जिम्बाब्वे, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, क्यूबा, ​​बारबाडोस और चिली शामिल हैं। इनके साथ ही कैरेबियन पब्लिक हेल्थ एजेंसी (सीएआरपीएचए) के दो प्रतिनिधियों- जमैका और कनाडा ने भी भाग लिया।

सत्या, उप्रेती

वार्ता