नैनीताल, 20 मार्च (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरूवार को जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से पॉलीटेक्निक लेक्चरर (व्याख्याता) के 200 पदों के लिये आगामी 22 मार्च से होने वाली परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। अदालत ने सरकार को नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिये हैं।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ में हुई। पौड़ी निवासी मधूसूदन पैन्यूली और अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से इस मामले को चुनौती दी गयी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि लोक सेवा आयोग की ओर से पॉलीटेक्निक लेक्चरर के सिविल, इलैक्ट्रानिक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 200 पदों की भर्ती के लिये 23 जुलाई,2024 को विज्ञापन जारी किया गया। विज्ञप्ति के अनुसार इन पदों के लिये परीक्षा 22 मार्च से 30 मार्च,2025 के मध्य निर्धारित की गयी है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि आयोग ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा समिति (एआईटीईसी) के मानदंडों के विपरीत इंजीनियरिंग के इन पदों के लिये आवश्यक योग्यता में बदलाव कर दिया है। आवश्यक योग्यता स्नातक और परास्नातक के बदले सिर्फ स्नातक कर दिया है।
इस मामले में प्रदेश सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एआईटीसीई के मानदंड बाध्यकारी नहीं हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी के अनुसार पीठ सरकार के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आयी और परीक्षाओं को स्थगित करने के आदेश पारित कर दिये।
अदालत ने सरकार को एआईसीटीई के मानदंडों के अनुसार परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिये हैं।
रवीन्द्र,सोनिया
वार्ता