जयपुर, 07 फरवरी (वार्ता) राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा है कि चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को विभागीय पदोन्नति समिति तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर से चयनित आशार्थी उपलब्ध होने पर प्राथमिकता से भरा जाएगा।
श्री दिलावर प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने आवश्यकता का आकलन किये बिना मनमर्जी तरीके से विद्यालय खोले। उन्होंने बताया कि चार हजार से ज्यादा विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें पद ही स्वीकृत नहीं किये और जो पद स्वीकृत हुए उन्हें भरा नहीं गया। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए हिन्दी माध्यम के विद्यालयों पर अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का बोर्ड चिपका दिया। इससे हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही माध्यमों के बच्चों का भविष्य अनिश्चितता में लटक गया। इसी प्रकार कई बालिका विद्यालयों को भी बदलकर अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया। इसके चलते बालिकाओं को स्कूल छोड़कर दूर-दराज की स्कूल में दाखिला लेना पड़ा या पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक विद्यालय के बारे में जानकारी लेकर समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा प्रदेश और विद्यार्थियों के हित में फैसला लिया जाएगा।
इससे पहले विधायक चन्द्रभान सिंह चौहान के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र चित्तौड़गढ में व्याख्याता के 328 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 212 पद भरे हुए हैं तथा 116 रिक्त हैं। इसी प्रकार वरिष्ठ अध्यापक के कुल 433 स्वीकृत पदों में से 315 पदों पर अध्यापक कार्यरत हैं तथा 118 पद रिक्त हैं। उन्होंने व्याख्याता एवं वरिष्ठ अध्यापकों के विद्यालयवार स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों का विवरण सदन के पटल पर रखा।
जोरा
वार्ता