दीव 20 मई (वार्ता) केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि हम खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी) के जरिए स्पोर्ट्स क्रांति की शुरुआत कर रहे हैं।
डाॅ. मांडविया ने सोमवार को दीव के घोघला बीच पर एक रंगारंग समारोह में केआईबीजी खेलों की शुरुआत करते हुए कहा, “आज हम केवल एक खेल आयोजन का उद्घाटन नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम भारत की पहली बीच स्पोर्ट्स क्रांति की शुरुआत कर रहे हैं। मेरा मानना है कि जहाँ लहरें हैं, वहाँ जोश होना चाहिए। जहाँ रेत है, वहाँ जोश की आग होनी चाहिए और खेलो इंडिया बीच गेम्स ने आज हम सभी के दिलों में वह आग जला दी है।”
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार के तहत, हम सिर्फ़ औपचारिकता के तौर पर आयोजन नहीं करते हम एक मिशन पर हैं। और यह मिशन खेलों को रोजगार से जोड़ता है। विकसित भारत के लिए, खेलो इंडिया युवाओं के लिए अपने सपनों को हासिल करने का एक पक्का रास्ता है। उन्होंने कहा कि नए खेल, घरेलू खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और दुनिया को यह मजबूत संदेश देने का एक तरीका है कि भारत किसी भी पैमाने के अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है।”
खेल मंत्री ने कहा, “बीच वॉलीबॉल जैसे खेल न केवल युवाओं को शौक के तौर पर आकर्षित करते हैं, बल्कि उन्हें करियर के अवसर भी प्रदान करते हैं। यह पहली बार है कि भारत के समुद्र तटों पर इतने बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धी खेल आयोजित किए जा रहे हैं।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक संदेश के जरिये खेलों की ‘परिवर्तनकारी शक्ति’ पर प्रकाश डाला और कहा कि खेलो इंडिया बीच गेम्स देश के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में खेल आयोजकों और भारतीय खेल प्राधिकरण को इसके आयोजन को लेकर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बीच गेम्स भारत के खेल कैलेंडर में हलचल मचाने का वादा करते हैं।
श्री मांडविया ने कहा कि खेलो इंडिया बीच गेम्स के आयोजन स्थल के रूप में दीव का चयन “उचित” था। उन्होंने कहा, “सूर्य, रेत और पानी का यह संगम शारीरिक चुनौती को बढ़ाता है और साथ ही हमारी तटीय विरासत का जश्न मनाता है। जब लहरें तटों से टकराती हैं और खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं। भारत खेलों में एक नया अध्याय लिखेगा।”
उन्होंने कहा, “हमारे जैसे विविधतापूर्ण देश में खेलों में हमेशा एक अनूठी शक्ति रही है जो संस्कृतियों, क्षेत्रों और भाषाओं को जोड़ती है। खेलों की जीवंत ऊर्जा मनोरंजन से कहीं आगे निकल जाती है और यह एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है, जो राष्ट्रीय गौरव और हमारे युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतीक है। इस संदर्भ में खेलो इंडिया बीच गेम्स का महत्व और भी बढ़ जाता है।”
राम, उप्रेती
वार्ता