नयी दिल्ली, 06 जून (वार्ता) मुंबई में इस माह के मध्य में अपनी तरह की एक अनोखी राष्ट्रीय पंचायत आयोजित की जा रही है जिसमें देश भर से विभिन्न दलों और विचारधाराओं के करीब 2500 से अधिक जनप्रतिनिधि और विशेषज्ञ दलगत- राजनीति और वैचारिक मतभेदों को किनारे रख कर देश के विकास, जनाकांक्षाओं की पूर्ति, लोकतांत्रिक संस्थाओं के स्वास्थ्य, देश की एकता-कजुटता, सीमओं की सुरक्षा तथा वैश्विक नीतियों के निर्धारण में भारत की भूमिका जैसे तमाम ज्वलंत विषयों पर चर्चा करेंगे।
एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (एमआईटी-एसओजी) द्वारा राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन (एनएलसी) भारत के बैनर तले यह सम्मेलन नवनिर्मित जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में 15-17 जून तक चलेगा।
सम्मेलन की विषय-वस्तु और कार्यक्रम की घोषणा करते हुए एनएलसी-भारत के संरक्षक मंडल एवं संचालन परिषद की सदस्य एवं लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष डाॅ मीरा कुमार ने यहां मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि देश के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर ‘राजनीति से ऊपर उठ कर चर्चा करने का यह एक अनोखा विचार मूर्त रूप ले रहा है। इसके लिए एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट बधाई का पात्र है।”
एनएलसी-भारत की संचालन के संरक्षकों में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और डॉ मनोहर जोशी शामिल हैं।
आन-लाइन और आफ-लाइन, मिले-जुले तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन को शिवराज पाटिल एनएससी की सलाहकार परिषद के सदस्य दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलवंत सिंह संधवां, पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी और एमआईटी-डल्यूपीयू के अधिशासी अध्यक्ष राहुल वी कराड ने भी संबोधित किया और इस पहल की सराहना की।
डॉ मीरा कुमार ने इस सम्मेलन के प्रतिभागियों के लिए छह सूत्री इस संकल की प्रशंसा की, जिसमें कहा गया है कि हम जात-पात, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, द्वेष की राजनीति, जलवायु परिवर्तन और उपनिवेशवाद के विरुद्ध हैं।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ लोकतंत्र है और इसकी सफलता विश्व के लिए विष्मयकारक है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में देश भर से आने वाली विधायिका के क्षेत्र की विभूतियां ‘देश की उन्नति, एकता, सीमाओं की सुरक्षा और वैश्विक पटल पर हमारी भूमिका के बारे में एक जगह विचारमंथन करेंगी।’
डॉ कुमार ने कहा, “हमारे पास अपना एक संविधान है, हमें विचार करना है कि इसे धरातल गरीबों और सामान्य लोगों के लाभ के लिए धरातल पर कितना लागू किया गया है।”
उन्होंने इस आयोजन के विचार के लिए एममाईटी-एसओजी की सराहना की और कहा कि दूसरे की आलोचना करने या अपनी तरीफ सुनने के बजाय एक दूसरे के अनुभवों का लाभ उठाने, उससे सीखने के भाव से आएंगे। डॉ कुमार ने बताया कि इस सम्मेलन के 18 माह बाद इसी तरह का दूसरा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
एमआईटी-डल्यूपीयू के अधिशासी अध्यक्ष और सम्मेलन के सूत्रधार राहुल वी कराड ने कहा, “ हम पिछले 12 महीने से इसकी तैयारी में लगे हुए हैं। यह सम्मेलन विधायकों को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का मौका देने का एक प्रयास है।
श्री कराड ने कहा इस सम्मेलन की कल्पना विशेष रूप से शासन, चुनाव और उनसे जुड़ी चुनौतियों के समाधान पर चर्चा के लिए की गयी है। उन्होंने कहा, “ मेरा विश्वास है कि इस तरह के सम्मेलन से देश के भीतर चल रही राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच विकास के मुद्दे पर पार्टी लाइन से इतर अध्ययन और चर्चा संभव हो पायेगी। ”
उन्होंने कहा कि इस एनएलसी भारत की अवधारणा 2005 में एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (एमआईटी-एसओजी) की स्थापना के समय में उत्पन्न हुई थी और अब यह पूरा आकार ले रही है।
मनोहर.श्रवण
वार्ता