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‘सबको आवास’ के लक्ष्य को कमर कसी सरकार ने

‘सबको आवास’ के लक्ष्य को कमर कसी सरकार ने

नयी दिल्ली. 27 दिसंबर (वार्ता) वर्ष 2022 तक ‘सबको आवास’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार बीते पूरे साल जुटी रही और भू संपदा (नियमन एवं विकास) अधिनियम पारित करने के अलावा 72 हजार 781 करोड़ रुपये के निवेश से शहरी गरीबों के लिए पिछले 10 वर्ष में सर्वाधिक 13 लाख 43 हजार 805 सस्ते आवासों को मंजूरी दी गयी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में सस्ते आवास आवंटित करने के लिए सरकार ने वर्ष 2016 के दाैरान पाक्षिक आधार पर समीक्षा बैठकें की और स्थानीयता को प्राथिमकता देते हुए सस्ते आवासों के लिए स्थान, परियोजना अौर लाभार्थियों के चयन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों और नगर निकायों को सौंपी है। केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन तथा शहरी विकास मंत्री एम. वेकैया नायडू ने आवास योजना पर राज्य सरकारों और नगर निकायों को स्पष्ट रुप से कहा कि आवास की परियोजना स्थानीय आवश्यकताओं और संसाधनों को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत पिछले वर्ष जून में की गयी थी। आंकड़ों के अनुसार शहरी गरीबों के लिए देश के 2363 शहरों में 13 लाख 43 हजार 805 सस्ते मकानों को बनाने की मंजूरी दी है। यह जवाहरलाल नेहरु शहरी नवीकरण मिशन के 10 वर्षों के 12 लाख 40 हजार 968 मकानों की तुलना में अधिक हैं।


सरकार ने बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित भू-संपदा (नियमन एवं विकास) अधिनियम पारित और अधिसूचित किया। यह कानून पांच केंद्र शासित प्रदेशों में लागू हो चुका है और अन्य भागों में इसे लागू करने की अंतिम तिथि 31 मई 2017 है। इस अधिनियम में उपभोक्ताओं के अधिकारों के सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान किए और धोखाधडी एवं जालसाजी की स्थिति में जुर्माने तथा कारावास की व्यवस्था की गयी। यह अधिनियम पांच संघ शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्ष्यद्वीप और चंड़ीगढ़ में लागू हाे चुका है। वर्ष 2016 में ही सरकार ने अगले 20 वर्षों के लिए सतत् शहरी विकास रणनीति पेश की। पानी एवं बिजली का इस्तेमाल आधा करना, अक्षय ऊर्जा, सार्वजनिक परिवहन, समावेशन इसके प्रमुख तत्व हैं। इसके साथ ही सरकार ने सतत् विकास और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को सुलझाने की प्रतिबद्धता भी व्‍यक्‍त की। सतत् शहरी नियोजन पर आधारित नए शहरी एजेंडे कई चीजें शामिल होंगी। आलोच्य वर्ष में सरकार ने भूकंप संभावित क्षेत्रों का मानचित्र जारी किया जिसमें तहसील स्‍तर का विवरण भी दिया गया है। भूकंप प्रतिरोधी निर्माण को सक्षम बनाने के लिए राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्द्धन परिषद ने देश के भूकंप संभावित क्षेत्रों का एक ‘सरल’ मानचित्र तैयार किया है। इसमें जिला और तहसील स्‍तर के विवरण भी दिए गए हैं। इन मानचित्र को ‘कलर कोड’ के आधार पर बनाया गया है। यह मानचित्र भारतीय सर्वेक्षण विभाग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारत की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बनाया है। इसमें आवास और जनसंख्‍या आकंड़े, रेलवे लाइन, एक्‍सप्रेस-वे, राजमार्ग, नदी, जलस्रोत, भूगर्भीय फॉल्‍ट लाइन आदि की जानकारी भी शामिल की गई है।


सरकार वर्ष 2022 तक सबके लिए सस्ते आवास के लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए आवासीय वित्‍त क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयास करती रही। सबके लिए आवास मिशन कम ब्‍याज दर पर आर्थिक मदद देकर मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के साथ 30 वर्गमीटर तक के आवासों के निर्माण में सहायता करता है। गरीबों के लिए आवासीय निर्माण के वास्‍ते निजी निवेश को बढ़ावा के लिए सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाओं और किफायती आवासीय परियोजनाओं के लिए लाभ पर शत-प्रतिशत की कटौती की और 60 वर्गमीटर तक के आवासों पर सेवा कर समाप्त कर दिया। कमजोर वर्ग के लाभार्थियों और निम्‍न आय समूह के लोगों को 15 वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की ब्याज की दर से पूंजी दी गयी है। आर्थिक मदद गलत हाथों में पहुंचने से रोकने के लिए इसे खाते में सीधे हस्‍तांतरित किया जाता है। सत्या, उपाध्याय, उप्रेती वार्ता

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