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मकर संक्रांति के पर्व पर 1.40 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रांति के पर्व पर 1.40 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

कुम्भनगर ,15 जनवरी (वार्ता) दुनिया के सबसे बडे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुम्भ मेले में तीर्थराज प्रयाग में मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान पर मंगलवार को एक करोड़ 40 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी के संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

अपर मेला अधिकारी कुम्भ दिलीप कुमार तिगुनायत ने शाम को यहां संवाददाताओं को बताया कि स्नान तड़के शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं की भीड़ में सूरज निकलने के बाद तेजी आयी। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान पर करीब एक करोड़ 40 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी के संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

श्री तिगुनायत ने बताया कि मकरसंक्रांति की पूर्व संध्या पर सोमवार छह बजे तक दूर दराज से आये करीब 56 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान किया। उन्होंने बताया कि कुम्भ के पहले दिन केन्द्रीय मंत्री उमा भारती एवं स्मृति ईरानी ने भी कुम्भ स्नान किया। इसके अलावा निरंजनी अखाडे के महामंडलेश्वर और केन्द्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने भी अखाडा के आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वरश् मंडलेश्वर और अन्य साधु महातमाओं के साथ स्नान किया। निरंजनी अखाडें में सुश्री निरंजन ज्योति पहली केन्द्रीय मंत्री महामंडलेश्वर हैं।

श्री तिगुनायत ने बताया कि सभी 13 अखाडों का स्नान निर्धारित समय सुबह सवा पांच बजे से शुरू हुआ और शाम को समय से पूरा हुआ। उन्होंने बताया कि खोया पासा केन्द्र पर कुल 1700 लोगों के गुमशुदा होने की सूचना दर्ज करायी गयी थी जिसमें 1200 लोगों को उनके परिजनों से मिलाया गया शेष 200 को एनजीओ को सौंप दिया गया।

उन्होंने बताया कि संगम में राजा, रंक, साधु, महात्मा, किन्नर और नागा सन्यासियों पर संगम मे स्नान करने के दौरान हैलीकाप्टर से लगातार पुष्प वर्षा की गई। जल, थल और नभ में सुरक्षा के पुख्ता बन्दोबस्त किये गये हैं। स्नान के दौरान हैलाकाप्टर संगम क्षेत्र के आप-पास लगातार आसमान में चक्रमण करता रहा। श्री तिगुनायत ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 37 घाट बनाये गये थे। सभी घाटों पर सुरक्षा के कडे बन्दोबस्त किये गए थे। मेला क्षेत्र में एटीस और एनएसजी के कमांडो मुश्तैद रहे।

गौरतलब है कि गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी में कड़कती ठंड पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ी। श्रद्धालुओं ने मध्यरात्रि के बाद से ही संगम में स्नान शुरु कर दिया। नाग संन्यासियों का शाही स्नान निर्धारित समय भोर 5.15 से शुरु हो गया ।

मेला प्रशासन ने बताया कि सुबह 7 बजे तक 16 लाख श्रद्धालुओ ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। निरंजनी अखाड़े की नवनियुक्त महामंडलेस्वर केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी अखाड़ा के साधु-महात्माओं के काफिले संग स्नान किया।

दिव्य और भव्य कुम्भ का पहला मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त से शुरू हो गया। पुण्य की कामना में त्रिवेणी के संगम पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। संक्रांति की प्रतीक्षा अंत:करण को शुद्ध करने के विविध मंत्रों से तट गुंजायमान हो रहे हैं। श्रद्धालु डुबकी मारने के बाद “हर-हर महादेव और जय गंगे और हर-हर गंगे के उच्चारण निर्वाध गति से चल रहे हैं। आमतौर पर मकरसंक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन 2019 में सूर्य के मकर राशि में बिलम्ब से जाने की वजह से स्नान पर्व 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान का काफी महत्व है। श्रद्धालु स्नान करने के बाद घाट पर बैठे पंडो को चावल, मूंग दाल, नमक, हल्दी का दान कर रहे है। कुछ श्रद्धालु तो कपड़े भी गरीबों में बांटते दिखे।

संगम किनारे रेती पर आस्था, भक्ति और आध्यात्मक का अद्भुत संसार बस चुका है। लघु भारत को अपने में समेटे कुम्भ क्षेत्र में अखाड़ों में आध्यात्म की बयार बह रही है। कुम्भ स्नान में आये श्रद्धालुओं ने कड़कडाती सर्दी में मुफ्त में चाय एवं पीनर भी पसंद नहीं किया।

तीर्थराज प्रयाग की धरती पर यह पहला अवसर था जब उपदेवता की उपाधि से नवाजे जाने वाले किन्नरों के अखाड़े ने स्नान कर पुण्यलाभ कमाया। जिस प्रकार पहले अन्य अखाडों ने अपने ईष्ट देव को स्नान कराने के बाद आस्था की डुबकी लगाई उसी प्रकार किन्नर अखाड़े ने भी पहले अपने आराध्य महादेव के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप को स्नान करने के बाद संगम में डुबकी लगाई। किन्नर अखाडे की आचासर्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी समेत किन्नार अखाडे की ओर से उत्तर भारत की प्रभारी महामंडलेश्वर भवनी मां, कामिनी, पुष्पा माई, पवित्रा, आशा, पूनम ,पायल और प्रांजल समेत कई किन्नरों ने आस्था की डुबकी लगाई

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