ह्यूस्टन 22 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका के सप्ताह भर के यात्रा पर पहुंचने के बाद रविवार को अमेरिका ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारीयों (सीईओ) समेत शीर्ष प्रतिनिधियों ने मोदी सरकार द्वारा कारोबार करने में आसानी तथा ऊर्जा क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त रखने के लिए उठाये जा रहे कदमों की सराहना की है।
श्री मोदी मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार शनिवार को अमेरिका के आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे। उन्होंने रविवार को ऊर्जा क्षेत्र की कई कंपनियों के शीर्ष अधिकारीयों के साथ मुलाक़ात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने रविवार को ट्वीट कर कहा,“कंपनियों के मुख्य कार्यकारिक अधिकारी समेत शीर्ष अधिकारीयों ने मोदी सरकार द्वारा कारोबार करने में आसानी तथा ऊर्जा क्षेत्र को नियंत्रण मुक्त रखने के लिए उठाये जा रहे क़दमों की सरहाना की है और भारत में अपने निवेश को बढ़ाने की इच्छा भी जताई है।”
उन्होंने कहा कि कंपनी के अधिकारीयों ने सरकार द्वारा दिए जा रहे समर्थन और सुविधाओं को लेकर आभार जताया हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र की 17 बड़ी कंपनियों के सीईओ ने श्री मोदी के साथ राउंड टेबल पर बातचीत की। सभी कंपनियों की कुल संपत्ति एक खरब डॉलर है और इनकी मौजदगी भारत समेत विश्व के 150 देशों में है।
प्रवक्ता ने कहा,“मुलाकात का उद्देश्य रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी के तहत भारत में ऊर्जा क्षेत्र को ओर मजबूत करना है।
मुलाकात के दौरान भारतीय पेट्रोलियम कंपनी पेट्रोनेट ने यहां अमेरिका की लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) कंपनी टेलुरियन के साथ 50 लाख टन एलएनजी प्रति वर्ष आयात करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।”
उन्होंने बताया कि पेट्रोनेट अमेरिका की टेलुरियन कंपनी के प्रस्तावित ड्रिफ्टवुड एलएनजी निर्यात टर्मिनल में 2.5 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिसके बदले में टेलुरियन 40 वर्षों तक 50 लाख टन एलएनजी प्रति वर्ष भारत को निर्यात करेगा।
इससे पहले श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा,“ह्यूस्टन आना और ऊर्जा पर बात नहीं करना असंभव है। ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के सीईओ के साथ सार्थक बातचीत की। हमने ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों को बढ़ाने के लिए जरुरी तरीकों पर बातचीत भी की। टेलुरियन और पेट्रोनेट एलएनजी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का गवाह बना।”
वही प्रवक्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी थी की श्री मोदी ने ह्यूस्टन में ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के शीर्ष अधिकारीयों के साथ सार्थक बातचीत की है। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा और दोनों देशों में आपसी निवेश के मौकों को बढ़ावा देने के लिए साथ में काम करने के मुद्दे पर भी बातचीत की है।
ह्यूस्टन पहुंचने पर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर कहा गया,“भारत-अमेरिका मित्रता को और मजबूत करना है तथा दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में परस्पर सहयोग में विविधता लाने की संभावनाओं को तलाश करेंगे।”
श्री मोदी के शनिवार को यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत हुआ। इस मौके पर प्रमुख ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों जैसे बीपी, एक्सॉन मोबिल, स्क्लूमबरजर, बेकर ह्यूजेस, विंमर इंटरनेशनल, चेनियर एनर्जी, डोमिनियन एनर्जी, आईएचएस मार्किट और एमर्सन इलेक्ट्रिक कंपनी के शीर्ष प्रतिनिधि और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर भी इस मौके पर मौजूद थे।
श्री मोदी एक सप्ताह के अमेरिका के दौरे पर हैं। उनके साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, विदेश सचिव अजय गोखले और अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला भी यहां आये हैं।
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जतिन.संजय
वार्ता