रांची, 14 मार्च (वार्ता) भारत के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज यहां नामकुम में देश का पांचवां एवं पूर्वी क्षेत्र का पहला अत्याधुनिक वृहद शहद परीक्षण प्रयोगशाला,एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, बांस संवर्धन परियोजना तथा अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
इसके साथ ही पूर्वी भारत में मीठी क्रांति के आगाज की शुरुआत भी हुई।देश में एन डी डी बी आनंद, आई ए आर आई ,दिल्ली, आई आई एच आर, बेंगलुरु एवं आई बी डी सी,हरियाणा में इस प्रकार के प्रयोगशाला हैं। यहां इस प्रयोगशाला के बनने से पूर्वी क्षेत्र को 'हनी हब' के रूप में विकसित किया जा सकता है।शहद उत्पादक हजारों किसानों को घरेलू बाजार में विस्तार के साथ ही निर्यात के अवसर भी प्राप्त होंगे, जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।
इस अवसर पर श्री मुंडा ने कहा कि इस क्षेत्र से कभी मधु का निर्यात नहीं हुआ, जबकि मधु उत्पादन के लिए बड़ा क्षेत्र है।झारखंड राज्य में शहद उत्पादन की भारीछ संभावना है, लगभग 30% भूमि जंगल से ढकी हुई है, जिसमें प्रचुर मात्रा में फसलें, फल, सब्जियां और जंगली पेड़ हैं, जो शहद उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन हैं। हमारे देश में शहद का उत्पादन बढ़ रहा है और इसका निर्यात भी बढ़ रहा है। झारखंड में शहद उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, जिसका उपयोग किसानों की आय बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए।शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं उत्पादित शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद करेंगी। मधुमक्खी बॉक्स निर्माण इकाइयां शहद के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेंगी।व्यापार, ब्रांडिंग औरू विपणन इकाइयां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहद की बिक्री को बढ़ावा देने में मदद करेंगी और साथ ही मधुमक्खी पालकों और किसानों को भी लाभान्वित करेंगी।
विनय
जारी वार्ता