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महिला उद्यमियों केे लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट की शुरुआत

महिला उद्यमियों केे लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट की शुरुआत

मनीषा राबदे से....

पुणे 25 मार्च (वार्ता) महिलाओं की उद्यमशीलता को देखते हुए भारत में पहली बार कामकाजी, कारोबारी और नया कारोबार शुरू करने की इच्छुक महिलाओं के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट की शुरुआत की गयी है। यह टेस्ट महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें उनकी कमियों से भी रुबरु करायेगा ताकि वे खुद को अच्छी तरह तैयार कर पायें।

महाराष्ट्र चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर के महानिदेशक डॉ अनंत सरदेशमुख ने यूनीवार्ता को दिये साक्षात्कार में साइकोमेट्रिक टेस्ट की विशेषतायें बतायीं और कहा कि इससे नये कारोबार में निवेश से महिलाओं की उद्यमशीलता का आंकलन संभव हो पायेगा। इस टेस्ट की शुरूआत पुणे में की गयी है।

श्री सरदेशमुख ने कहा,“ इस टेस्ट का उद्देश्य महिलाओं की उद्यमशीलता की पहचान करना और उनमें इस कौशल को विकसित करना है। इस टेस्ट के बाद उन्हें यह पता रहेगा कि वे नया कारोबार शुरू करने के लिए तैयार हैं या उनमें अभी कोई कमी है। इससे उन्हें पता चल पायेगा कि क्या वाकई वे उद्यमी बन सकती हैं। चैंबर इन महिलाओं को उनका कारोबार शुरू करने और उसने कारोबार को बढाने में मदद करेगा। यह टेस्ट क्षमता, झुकाव और निजी गुणों का आंकलन करता है। सफल कारोबार के लिए जरूरी कौशल के लिए विकास योजना तैयार की गयी है। यह टेस्ट तीन घंटे का है। यह मराठी और अंग्रेजी दो भाषाओं में उपलब्ध है। टेस्ट की रिपोर्ट आठ कार्यदिवसों में ईमेल से भेज दी जाती है। ”

उन्होंने कहा कि विभिन्न कारोबारों के लिए इस टेस्ट की काफी मांग हो रही है। हमारा दूसरा बैच इस माह की टेस्ट की लिए तैयार है।

इस तरह के टेस्ट की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर श्री सरदेशमुख ने कहा,“ भारतीय अर्थव्यवस्था का रुख इस समय मिश्रित है। आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां, प्रदूषण और रोजगारपरकता चुनौतियां हैं। इसका हल नावाचार, उद्यमशीलता और कुशलता है। ”

उन्होंने बताया कि मार्च 2017 में चैंबर को डायमंड ग्रेड रेटिंग मिली थी और इसके एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस टेस्ट की शुरुआत की गयी।

श्री सरदेसाई ने बताया कि चैंबर मेक इन इंडिया पहल की दिशा में विनिर्माण क्षेत्र, खासकर लघु और मध्यम उद्योगों को बढावा दे रहा है। इसके अलावा इनोवेशन और स्टार्ट अप को समर्थन दिया जा रहा है। अपने इनोवेशन एंड टेक्नोलॉली ट्रांसफर सेल के जरिये चैंबर महाराष्ट्र में हो रहे नये आविष्कारों और इनोवेशन को मदद दे रहा है। चैंबर आविष्कार से उद्मियों को टेक्नालॉजी के हस्तांतरण में मदद करता है। इनोवेशन को बढावा देने के लिए चैंबर ने कई पक्षों के साथ समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही स्टार्टअप इंडिया की नोडल एजेंसी सिडबी के साथ चैंबर पुणे क्षेत्र के नये उद्यमियों के लिए जागरुकता अभियानों का भी आयोजन करता है।

श्री सरदेसाई ने कहा,“ क्षमता बढ़ाने के लिए, तकनीशियनों का कौशल विकास करके रोजगारपरकता बढाना वक्त की जरुरत है। भोसरी में कौशल विकास केंद्र को अगले स्तर तक बढ़ाया गया है और हडपसर सुविधा का विकास कार्य तेज गति पर है। 300 से अधिक उम्मीदवारों को इन सुविधाओं पर कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है और मुझे यह बताने में प्रसन्नता है कि प्लेसमेंट अनुपात 100 फीसदी के करीब है। हम कुछ अन्य स्थानों पर ऐसे केंद्रों का विस्तार कर रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि चैंबर ने वस्तु एवं सेवा कर के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए ‘जीएसटी वॉर रुम’ की स्थापना भी की है। सभी सदस्यों ने इसका स्वागत किया है।

चैंबर ने इसके अलावा संबंधित सरकारी विभागों में अपना पक्ष रखने के साथ विभिन्न परियोजनाओं के लिए सरकार के साथ साझेदारी करने , निवेश आकर्षित करने के लिए पुणे की ब्रांड इमेज बनाने, बुनियादी ढांचे के विकास, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और व्यापार को बढ़ावा देने, एसएमई को मार्गदर्शन देने और सहायता प्रदान करने, वर्तमान मुद्दों पर जागरूकता फैलाने और नवीनतम तकनीक और उपकरण, सेमिनार, कार्यशालाएं और प्रदर्शनियों के आयोजन के अलावा डाटाबेस निर्माण का काम किया है।

वार्ता

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