भुवनेश्वर 16 अप्रैल (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुभवी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को भाजपा ने राउरकेला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकित किया है, जहां से वह पहले तीन बार जीत चुके हैं।
मंगलवार को दूसरे चरण में भाजपा की ओर से जारी ओडिशा की विधानसभा सीटों के लिए 21 उम्मीदवारों की सूची में श्री दिलीप का नाम शामिल है।
पहले चरण में पार्टी ने 112 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम जारी किए थे।
पार्टी एक दो दिनों में शेष 16 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम जारी कर सकती है क्योंकि पार्टी ने पहले चरण में जारी रणपुर और पटांगी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों को बदल दिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से हाल ही में छह अक्टूबर, 2020 को विशेष सीबीआई अदालत द्वारा श्री दिलीप की सजा पर रोक लगाने के बाद भाजपा ने दिलीप रे को मैदान में उतारा।
वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में तत्कालीन केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दिलीप को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था और तीन साल की कैद एवं जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
ट्रायल कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 409 और 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(सी) या 13(1)(डी) के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया था।
श्री दिलीप ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है ताकि वह आगामी चुनाव लड़ सकें।
श्री दिलीप जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राउरकेला निर्वाचन क्षेत्र (1985-90) से विधायक चुने गए और वर्ष 1990 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में फिर से चुने गए। वर्ष 2014 के चुनाव में वह फिर से भाजपा के टिकट पर राउरकेला विधानसभा सीट से चुने गए।
उन्होंने बीजू पटनायक के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार (1990-95) में उद्योग मंत्री के रूप में कार्य किया। श्री दिलीप को लगातार दो बार (1996-2002 और 2002-2008) उच्च सदन के लिए नामांकित किया गया था।
भाजपा ने अमरेंद्र दास और कैलाश कुलेसिका को नामांकित किया है, जो बीजद से इस्तीफा देकर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं, उन्हें क्रमशः जगतसिंहपुर और लक्ष्मीपुर (एसटी) विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। सूची में तीन और उम्मीदवारों का भी नाम है, जो बीजद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे।
पार्टी ने सरस्काना विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक डॉ. बुधन मुर्मू को हटा दिया है और उनकी जगह भादव हंसदा को उम्मीदवार बनाया है।
अपने चिकित्सा पेशे से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले और 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर सरस्काना विधानसभा सीट जीतने वाले नाराज मुर्मू ने कहा कि वह इस बार फिर से नामांकित नहीं किए जाने के लिए पार्टी से स्पष्टीकरण मांगेंगे और अपनी भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे।
भाजपा ने रायगढ़ा, मोहना और करंजिया विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को फिर से नामांकित किया है तथा रणपुर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार को बदल दिया है एवं पूर्व मंत्री सुरामा पाधी को नामांकित किया है, जो 2004 के चुनाव में इस सीट से चुने गए थे लेकिन 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान तापस मरधा के स्थान पर हार गए थे।
इसी तरह, पार्टी ने पटांगी विधानसभा सीट पर उम्मीदवार बदल दिया और चैतन्य हैताला की जगह चैतन्य नंदीबाली को उम्मीदवार बनाया।
पूर्व विधायक बैधर मल्लिक, जो 2000 और 2004 के चुनावों में नीमापारा (सुरक्षित) विधानसभा सीट से दो बार विधानसभा के लिए चुने गए थे, को पार्टी ने काकतपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा ने मंगलवार को घोषित दूसरे चरण की सूची में सोलह नए चेहरों को नामित किया है।
संजय
वार्ता