राज्य » राजस्थानPosted at: Nov 28 2019 3:06PM झंडा फहराने की टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों का तीखा विरोध
जयपुर 28 नवम्बर (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में आज संविधान तथा मूल कर्तव्यों पर हुई चर्चा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल की झंडा फहराने को लेकर हुई टिप्पणी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों ने तीखा विरोध किया।
भारतीय संविधान के निर्माण के सत्तर वर्ष पूरे होने के अवसर पर विधानसभा में संविधान तथा मूल कर्तव्यों पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए श्री धारीवाल ने जब यह कहा कि महात्मा गांधी ने सभी लोगों को झंडा फहराने का आह्वान किया था लेकिन गुरु गोलवरकर की शाखाओं में भगवा झंडा ही फहराया गया। उन्होंने कहा कि कौन लोग है ये जो संविधान के अनुसार नहीं चलना चाहते, इन्हें पहचानना होगा।
श्री धारीवाल की इस टिप्पणी के बाद भाजपा सदस्य खड़े हो गये और विरोध में जोर जोर से बोलने लगे। उत्तेजित सदस्यों को शांत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने कहा कि पुरानी बातों पर चर्चा नहीं की जाकर चुनौतियों से मुकाबला करने पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दलों की विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन संविधान की मूल भावना को नहीं भूलना चाहिए।
प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि आपसी हमले करने के बजाये कमियों को ठीक करने पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर श्री धारीवाल ने कहा कि जो वस्तु स्थिति रही है, जबतक उसका खुलासा नहीं करेंगे तो कमियां दूर कैसी होगी।
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने श्री धारीवाल पर संविधान निर्माता डा भीमराव अंबेडकर के महत्व को कम आंकने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारे को राष्ट्रभक्त बताने वाले लोगों का विरोध करना जरुरी है। गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संविधान की किताब हाथी पर लेकर जुलुस निकालने के सराहनीय प्रयास करने के बारे में श्री राठौड़ के कथन पर टिप्पणी करते हुए श्री पायलट ने कहा कि हाथी पर संविधान को लेकर घूमने से नहीं बल्कि संविधान को आत्मसात करना हाेगा। उन्होंने महाराष्ट्र में राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इसे रोक कर सराहनीय काम किया है।
भाजपा विधायक सतीश पूनियां ने कहा कि आपातकाल लागू करने तथा शाहबानों के फैसले का क्रियान्वयन नहीं करने वालों के बारे में भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में बहुत से मुद्दों को हल किया जा सकता था लेकिन नहीं किया गया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाने तथा तीन तलाक की बुराई को खत्म करने का साहसिक काम किया।
पारीक जोरा
वार्ता