दुनियाPosted at: Dec 1 2018 6:44PM ब्रेक्जिट: ब्रिटेन के विज्ञान मंत्री ने दिया इस्तीफा
लंदन, 01 दिसंबर (वार्ता) ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए किये गये ब्रेक्जिट समझौते को लेकर ब्रिटेन की सरकार के विज्ञान मंत्री सैम गिमाह ने इस्तीफा दे दिया है। श्री गिमाह के इस्तीफे को ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सरकार को झटके के रूप में देखा जा रहा है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार श्री गिमाह ने यूरोपीय संघ के गेलिलियो उपग्रह-नेविगेशन प्रणाली में ब्रिटेन के शामिल होने को लेकर इस्तीफा दिया है। ब्रिटेन ब्रेक्जिट समझौते के बाद भी यूरोपीय संघ के गेलिलियो उपग्रह-नेविगेशन प्रणाली का हिस्सा बने रहना चाहता है लेकिन यूरोपीय संघ ने समझौते की शर्त के रूप में ब्रिटेन को इसके इस्तेमाल की अनुमति देने से मना कर दिया है। सुश्री थेरेसा भी इसके लिए राजी हो गयी हैं।
गेलिलियो यूरोपीय संघ की उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है जिसका इस्तेमाल पूरे यूरोप में किया जाता है। यूरोप के सभी देशों के नागरिक, सेनाएं और उद्योग इसका इस्तेमाल करते हैं।
शुक्रवार को सुश्री मे ने कहा था कि ब्रिटेन खुद को परियोजना से अलग कर रहा है। श्री गिमाह ने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ कोई भी समझौता ‘यूरोपियन संघ’ को फायदा पहुंचाने वाला होगा।
श्री गिमाह ने फेसबुक पोस्ट में अपने इस्तीफे का कारण बताते हुए कहा,“यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के हित आने वाले आने वालों तक कई वर्षों तक स्थायी रूप से बारंबार प्रभावित होते रहेंगे।”
ब्रेक्जिट समझौते को लेकर ब्रिटेन में घमासान जारी है। सुश्री थेरेसा सरकार के मंत्री लगातार इस मुद्दे पर इस्तीफा दे रहे हैं। ब्रेक्जिट के मूल समझौते से लेकर अभी तक सुश्री थेरेसा की सरकार के 10 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।
ब्रेक्जिट के प्रमुख और सुश्री थेरेसा मंत्रिमंडल के प्रमुख मंत्री माइकल गोव ने ब्रेक्जिट समझौते का समर्थन किया है। श्री गोव ने अमेरिकी समाचार पत्र डेली मेल में लिखा है कि यदि ब्रेक्जिट समझौते को सांसदों ने खारिज कर दिया तो यह यूरोपीय संघ के लिए बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
सुश्री थेरेसा ने कहा है कि ब्रिटेन की सेना अब गेलिलियो का इस्तेमाल नहीं करेगी। ब्रिटेन अपनी उपग्रह-नेविगेशन प्रणाली निर्मित करेगा जिसके लिए 92 मिलियन यूरो की राशि आवंटित की गयी है। सुश्री थेरेसा ने कहा, “ मैं अपनी सेना को किसी ऐसी प्रणाली पर निर्भर नहीं रखना चाहती जिसके बारे में कुछ भी सुनिश्चिता के साथ नहीं कहा जा सकता। यह हमारे राष्ट्रीय हित में नहीं होगा।”
दिनेश.श्रवण
वार्ता