भारतPosted at: Nov 13 2018 2:41PM मंत्रिमंडल ने अनंत कुमार को श्रद्धांजलि दी
नयी दिल्ली 13 नवम्बर (वार्ता) केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक विशेष बैठक में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार को भावभीनीं श्रद्धांजलि अर्पित की और एक शोक संवेदना प्रस्ताव पारित किया।
श्री अनंत कुमार का लंबी बीमारी के बाद शनिवार रात बेंगलुरू के एक अस्पताल में निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर अपने सहयोगी श्री कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक में एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि श्री कुमार के असमय निधन से देश ने एक अनुभवी नेता खो दिया। मंत्रिमंडल ने सरकार और समूचे देश की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। इस दौरान श्री कुमार की विभिन्न पदों पर रहते हुए राष्ट्र को दी गयी सेवाओं का उल्लेख किया गया।
श्री अनंत कुमार कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें उपचार के लिए अमेरिका भी ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनकी बीमारी का काफी देर से पता चला।
उनका जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलुरुु में हुआ था और उन्होंने कर्नाटक विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। वह कर्नाटक से छह बार लोकसभा सदस्य रहे। पार्टी के प्रति निष्ठा और कठोर परिश्रम की वजह से उनकी प्रसिद्धि तेजी से बढ़ी। आपातकाल के दौरान वह पार्टी के बड़े नेता लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य नेताओं के साथ जेल में रहे। शुरुआती दौर में एक उदीयमान राजनेता श्री कुमार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मंच ने राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करने में बहुत मदद की।
यह श्री कुमार की प्रतिभा का ही कमाल था कि वह एबीवीपी नेता से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करके भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार तक बने। वह कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। श्री कुमार जब अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में शामिल किये गये तो वह सबसे कम उम्र के मंत्री थे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
संजीव आशा
वार्ता