राज्यPosted at: Apr 22 2024 2:06PM संतकबीरनगर में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद पर हमला, चार गिरफ्तार
संतकबीरनगर 22अप्रैल(वार्ता) उत्तर प्रदेश में संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम मोहम्मदपुर कठार में 21/22 अप्रैल की रात प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस घटना में मंत्री का चश्मा टूट गया है और उनकी नाक पर चोट लगी है। मंत्री ने सपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है और धरने पर बैठ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मंत्री के पीएसओ की तहरीर पर यादव समाज के आठ युवकों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने चार नामजद आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार भी कर लिया। अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने यहां बताया कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद 21/22अप्रैल की देर रात लगभग12 बजे अपने समर्थकों के साथ खलीलाबाद कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम मोहम्मदपुर कठार में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। इस दौरान कुछ लोगों ने मंत्री से विवाद किया और धक्का-मुक्की तथा मारपीट की। इस घटना में मंत्री की नाक पर चोट आई है और उनका चश्मा भी टूट गया है। घटना के संबंध में मंत्री के पीएसओ की तहरीर पर आठ लोगों के विरुद्ध बलवा, मारपीट व जानलेवा हमले की धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया तथा चार आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार भी कर लिया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
घटना के संबंध में "यूनीवार्ता" से बात करते हुए कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उनके समर्थकों से मारपीट की है। मंत्री डा. संजय निषाद ने बताया कि वह बीती रात में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे जहां कुछ लोग सांसद प्रवीण निषाद के साथी हैं। वहां कुछ लोगों द्वारा निषाद पार्टी को लेकर अमर्यादित शब्दों का भी प्रयोग किया गया। हमने समझाने का प्रयास किया तो उक्त लोग हमलावर हो गए। मुझे और मेरे समर्थकों से उक्त लोगों ने मारपीट की।
डॉ निषाद ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे आने से समाजवादी पार्टी का पतन हो रहा है क्योंकि हम निषादों और अन्य जातियों का नेतृत्व कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा है कि इनका मन पहले से ही बढ़ा हुआ है। अब जब से मैं आया हूं तब से लोग जातीय संघर्ष करवा रहे हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा किया।
सं प्रदीप
(वार्ता)