भारतPosted at: Oct 22 2020 7:55PM ‘कश्मीर टाइम्स का बंद होना प्रेस की आजादी पर हमला ’
नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (वार्ता) एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने श्रीनगर में ‘कश्मीर टाइम्स’ अखबार के कार्यालय को अचानक बंद किए जाने की कड़ी निंदा की है और इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया है।
गिल्ड ने जम्मू-कश्मीर सरकार से अखबार को फिर से खोलने की मांग की है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और महासचिव संजय कपूर ने गुरुवार को यहां जारी विज्ञप्ति कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले भी अखबारों और पत्रिकाओं के संपादकों और पत्रकारों को संघर्षपूर्ण स्तिथि में काम करना पड़ा और पिछले दशक में उन्हें विज्ञापन भी मिलना बंद हो गया था। उसके बाद जम्मू-कश्मीर में संचार व्यवस्था को भी बंद कर दिया गया और अब कोरोना महामारी के बाद तो अखबारों के लिए आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई ।जब अखबारों के ऑनलाइन संस्करण शुरू हुए तो धीमे इंटरनेट के कारण उनकी हालत और खराब हो गई ।नतीजा यह हुआ कि 55 साल पुराने ‘कश्मीर टाइम्स’ को मार्च में अपना श्रीनगर संस्करण बंद करना पड़ा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार को इस संकट के समय मीडिया को मदद करनी चाहिए थी लेकिन यहां प्रशासन ने बिना कोई नोटिस दिए ‘कश्मीर टाइम्स’ के दफ्तर को अपने कब्जे में कर लिया और उसके कार्यालय पर ताला लगा दिया। ‘कश्मीर टाइम्स’ की संपादकअनुराधा भसीन और उनके पूरे कर्मचारियों को दफ्तर में अपने कंप्यूटर फर्नीचर और अन्य दस्तावेजों को लेने से भी रोक दिया गया ।
गिल्ड ने कहा,"राज्य प्रशासन की यह कार्रवाई न केवल ‘कश्मीर टाइम्स’ के लिए बदले की भावना से की गई है बल्कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मीडिया के खिलाफ यह बदले की कार्रवाई है। इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि ‘कश्मीर टाइम्स’की पृर्व स्तिथि को बहाल किया जाए और राज्य में बिना भय और बाधा के मीडिया को काम करने का अवसर प्रदान किया जाए।
अरविन्द आशा
वार्ता