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अंतरिक्ष मलबे से निपटने को एजेंसियों के बीच समन्वय जरूरीः सोमनाथ

अंतरिक्ष मलबे से निपटने को एजेंसियों के बीच समन्वय जरूरीः सोमनाथ

बेंगलुरु, 16 अप्रैल (वार्ता) अंतरिक्ष मलबे और अंतरिक्ष में बढ़ते यातायात से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मंगलवार को अंतरिक्ष एजेंसियों और संगठनों के बीच समन्वय तथा सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

श्री सोमनाथ ने यहां 42वीं अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा,“एक साथ काम करने से जोखिमों को कम करने और अंतरिक्ष के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए रणनीतियों, दिशानिर्देशों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में मदद मिल सकती है।”

उन्होंने अंतरिक्ष में, विशेषकर पृथ्वी-चंद्रमा प्रणालियों और सौर ग्रह अन्वेषण के अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भीड़ की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा,“यह भीड़ मुख्य रूप से अंतरिक्ष मलबे के जमाव और उपग्रहों, अंतरिक्ष यान और मिशनों की बढ़ती संख्या के कारण है।”

पृथ्वी की कक्षा से परे अंतरिक्ष अन्वेषण के बढ़ते दायरे को लेकर उन्होंने उन्नत कौशल और क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें जटिल अंतरिक्ष वातावरण को नकारात्मक करने, अंतरिक्ष संपत्तियों का प्रबंधन करने और दूर के खगोलीय पिंडों के लिए मिशन संचालित करने में विशेषज्ञता शामिल है।

आईएडीसी की वार्षिक बैठक के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, श्री सोमनाथ ने कहा कि इसरो के पास अंतरिक्ष अन्वेषण और उपयोग पर केंद्रित एक अच्छी तरह से परिभाषित कार्यक्रम है। उन्होंने कहा,“वर्तमान में इसकी कक्षा में गैर-कार्यात्मक वस्तुओं के साथ 54 अंतरिक्ष यान हैं।”

उन्होंने कहा,“इसरो अपने मिशन समाप्त होने के बाद अंतरिक्ष वस्तुओं को सक्रिय भूमिकाओं से हटाने के लिए सावधानीपूर्वक कार्रवाई करता है और अंतरिक्ष मलबे से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए इन वस्तुओं को सुरक्षित स्थान पर लाने को प्राथमिकता देता है।”

श्री सोमनाथ ने कहा,“इसरो अपने द्वारा लॉन्च किए जाने वाले सिस्टम में सावधानीपूर्वक डिजाइन और सिद्धांतों को लागू करता है, जिसमें रॉकेट या अंतरिक्ष यान के ऊपरी चरण भी शामिल हैं।” उन्होंने कहा,“इसका लक्ष्य अंतरिक्ष के अतिरिक्त मलबे के निर्माण को रोकने के लिए इन प्रणालियों के भीतर सभी ऊर्जावान संभावनाओं को खत्म करना है।”

उन्होंने कहा कि बैठक कक्षीय भविष्यवाणी, टकराव, मलबे का निर्माण, ट्रैकिंग, शमन, गणितीय फॉर्मूलेशन, यांत्रिक डिजाइन, सिद्धांत और अंतरिक्ष मलबे से संबंधित कानूनी मुद्दों जैसे विभिन्न पहलुओं को संबोधित करेगी।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे अंतरिक्ष में मानवीय गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, अंतरिक्ष का मलबा बढ़ती चिंता का कारण बन रहा है। अंतरिक्ष मलबे से जुड़े जोखिमों को प्रबंधित करने और कम करने के लिए समाधान और रणनीति विकसित करने हेतु आईएडीसी द्वारा समर्थित सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं।

संतोष.संजय

वार्ता

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