नयी दिल्ली, 02 जून (वार्ता) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि देश में पिछले दो माह से कोरोना वायरस परीक्षण की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है और अब हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में कोरोना की परीक्षण सुविधा उपलब्ध हो चुकी है।
आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ निवेदिता गुप्ता ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस समय देश में 681 प्रयोगशालाएं कोरोना की जांच मे लगी हैं और इनमें 476 सरकारी तथा 205 निजी क्षेत्र की हैं और मार्च माह में हमारी टेस्टिंग क्षमता 20 से 25 हजार प्रतिदिन की थी जो अब बढ़कर सवा लाख प्रतिदिन हो गई है। सरकार अब कोरोना की जांच के लिए ट्रूनेट प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रही है। यह तपेदिक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था और यह कोरोना के लिए कंफर्मेटरी टेस्ट है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला स्तर के अस्पतालों में उपलब्ध है। इससे टेस्टिंग की क्षमता बढ़ गई है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि इसमें ‘बॉयो सेफ्टी’ की कोई अधिक जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जीन एक्सपर्ट प्लेटफार्म मशीन से टेस्ट करने की प्रकिया भी शुरू कर दी गई है और इसके लिए नई मशीन भी आर्डर की गई है। यह भी जिला स्तर पर उपलब्ध है। देश में भारतीय आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स काफी संख्या में उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा देश में 11 से 12 भारतीय वेंडरों की ओर से आरटीपीसीआर किट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस क्षेत्र में स्वदेशी मैन्यूफैक्चरर्स भी सामने आये हैं। पहले हमें शुरू में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था लेकिन अब कईं स्वदेशी कंपनियों के सामने आने से टेस्टिंग क्षमता में काफी इजाफा हो चुका है। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के संक्रमण का पता लगाने के लिए सीरो सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह देश के 71 जिलों में जारी है। इसके नतीजे इस हफ्ते या अगले हफ्ते तक आ जाने की उम्मीद है।
राज्यों में प्रवासी मजदूरों के लौटने और उनके परीक्षण के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए रणनीति अपनाई गई है और सभी राज्यों को आरटीपीसीआर की सलाह दी गई है और उन्हें ट्रूनेट प्लेटफार्म जांच अपनाने को भी कहा गया है।
देश में अब तक कोरेाना के कुल 39,66,075 परीक्षण किए जा चुके हैं और पिछले 24 घंटों में 1,28,868 परीक्षण किए गये हैं।
जितेन्द्र.श्रवण
वार्ता