सोलन, 10 अप्रैल (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के नेता और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में जो राजनीतिक घटनाक्रम घटित हुआ है उसके पश्चात प्रदेश की कांग्रेस सरकार की स्थिति बहुत हास्यास्पद बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार के शासनकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गयी है।
श्री ठाकुर ने बुधवार को यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार बोलती रही कि व्यवस्था परिवर्तन की सरकार, सुख की सरकार लेकिन हकीकत यह है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। जनता की नजरों से भी यह सरकार गिर चुकी है और बहुमत की दृष्टि से भी सरकार गिर चुकी है। पूरे प्रदेश की यह मान्यता है कि वर्तमान में कांग्रेस की सरकार सत्ता में होते हुए भी नैतिक अधिकार खो चुकी है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में जिन विधायको ने कांग्रेस सरकार से त्यागपत्र दिया उनके बारें में कभी उन्हें भेड़ें कहा जा रहा, कभी विधायको को मेंढक कहा जा रहा है। कांग्रेस सरकार बार-बार दोषारोपण करके भाजपा को दोषी ठहरा रही है और उहोंने आरोप लगाया है कि पैसे देकर के खरीदा गया। कांग्रेस सरकार यह कहती है कि जयराम ठाकुर को सत्ता की भूख है।
श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने संस्थान रद्द किये, झूठी गारंटी दी। कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा कहती है की लोगों के काम नहीं हुए, कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है, नेताओं की अनदेखी हो रही है, विधेयकों की बात सुनी नहीं जा रही है। ऐसे हालात बन गए हैं की हम चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है, इसलिए मैं मंडी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ूंगी। कांग्रेस पार्टी के विधेयकों ने एक बार नहीं अनेकों बार अपनी बात कही लेकिन उनके बावजूद उनकी बातें ना मानी गयी ना सुनी गई और आखिरकार परिस्थितियां बनने की राज्यसभा की वोंटिग पर कांग्रेस की हार हुई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बौखलाहट में बहुत कुछ बोल रही है। हिमाचल प्रदेश में जब 15 महीने की सरकार में 1000 चले हुए संस्थान बंद कर दिए। क्या सरकार इसको कहते हैं? सरकार काम करने के लिए होती है, काम रोकने के लिए या काम बंद करने के लिए नहीं होती है। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 5 साल में 19600 करोड़ रूपये ऋण लिया परन्तु कांग्रेस सरकार ने 15 महीने में 18 हजार करोड़ रूपये का ऋण ले लिया है। भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं टूट गई है। हिमाचल प्रदेश से सभी इन्डस्ट्रीयल सेक्टर छोड़ करके भाग रहें है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान जो हालात हैं इस लोकसभा के चुनाव की दृष्टि से हम 2014 में चारों सीटें जीते थे। 2019 का हिमाचल प्रदेश का एक रिकॉर्ड है, जो आज से पहले कभी नहीं हुआ। 68 सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी। पूरे देश भर में वोट शेयर के साथ अगर नंबर वन पर कोई स्टेट रहा तो हिमाचल रहा चारों सीटें जीतीं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों के उपर इस कदर दबाव डाला गया। उनके परिवार वालों के ऊपर मामले दर्ज करने शुरू कर दिए और आखिरकार तीनों ने बैठकर के निर्णय किया की हम दबाव में नहीं आएँगे। हम निर्दलीय विधायक की हैसियत से विधानसभा के अंदर जाएंगे। विधानसभा के अध्यक्ष महोदय त्यागपत्र दे दिया और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व के साथ मिल कर के चुनाव लड़ेंगे और चुनाव लड़ करके जीत करके तभी विधानसभा के अंदर प्रवेश करेंगे। लेकिन उसके बावजूद त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया जा रहा है। अगर व्यक्तिगत रूप से कोई भी विधायक या कोई सांसद अध्यक्ष को त्यागपत्र देता है, चाहे वो लोकसभा का सांसद को लोकसभा अध्यक्ष को देते हैं, विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष को देते हैं तो वो तत्काल स्वीकार किया जाना चाहिए। लेकिन यहाँ अध्यक्ष महोदय नोटिस दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व्यवस्था परिवर्तन सुख की सरकार यह सारी बातों को करते करते 15 महीनों में इनकी पोल खुल गई है।
उन्होंने कहा कि अगर छह उपचुनाव के साथ अगर तीन उपचुनाव भी साथ हो जाते हैं तो नौ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होंगे और इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीतती है तो कांग्रेस की सरकार सत्ता से बाहर हो जाएगी। इस बार इस चुनाव के साथ दो सरकारें बनेंगी एक दिल्ली की और एक हिमाचल प्रदेश की। अब की बार 400 पार का जो नारा राजग के लिए हमने पूरे देश भर के लिए दिया है तो हिमाचल प्रदेश में हमारा नारा है अबकी बार फिर चार की चार जितेंगे।
सं.संजय
वार्ता