नयी दिल्ली 12 अगस्त (वार्ता) देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 हो गयी है जबकि 108 अन्य लापता हैं।
तिरुवनंतपुरम से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक केरल में सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 83 हो गयी जबकि 63506 परिवारों के 255662 लोग 1413 राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आठ अगस्त से जारी बारिश एवं भूस्खलन के कारण मलप्पुरम में सबसे अधिक 27, कोझीकोड में 17, वायनाड में 12, कन्नूर जिले में नौ, त्रिशूर और इडुक्की जिलों में पांच-पांच, तिरुवनंतपुरम, अलप्पुझा, कोट्टायम और कसारगोड जिलों में दो-दो लाेगों की मौत हो गयी। इसके अलावा राज्य में 58 लोग अभी भी लापता हैं।
बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण अन्य राज्यों में भी कई लाख लोग प्रभावित हुये हैं और उनमें अधिकतर लोगों को राहत शिविरों में विस्थापितों के समान जिंदगी व्यतीत करनी पड़ रही है। सेना समेत विभिन्न सुरक्षा एवं बचाव एजेंसियां राहत तथा बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा गुजरात में स्थिति गंभीर बनी हुई है। इन राज्यों के कुछ इलाकों में जल का स्तर घटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण सबसे अधिक नुकसान हुआ है। कर्नाटक में अब तक 42, महाराष्ट्र में 30, गुजरात में 29, उत्तराखंड में आठ तथा हिमाचल प्रदेश में दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बीच बिजली गिरने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी।
केरल और कर्नाटक में भारी बारिश एवं बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन की घटनाओं के बाद से 108 लोग लापता हैं। केरल में जहां 58 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है जबकि कर्नाटक में 50 लोग लापता हैं।
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