नयी दिल्ली 29 फरवरी (वार्ता) फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (एफडीडीआई), काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स (सीएलई), एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीजीसी), एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन फुटवियर इंडस्ट्रीज (सीआईएफआई) उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच पर आये।
एफडीडीआई के नोएडा परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में ये सभी संस्थान एक मंच पर आये और भारतीय चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग को गति देने पर विचार विमर्श किया क्योंकि यह उद्योग नवाचार और विकास के एक नए युग में प्रवेश कर रहा है।
एफडीडीआई डिजाइन की शुरुआत से लेकर विनिर्माण के अंतिम चरण तक छात्रों को सलाह देता है, यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद न केवल बाजार की अपेक्षाओं को पूरा करें बल्कि आगे की सोच को विकसित करें। प्रतिभा को सजोएं रखने की प्रतिबद्धता के साथ, एफडीडीआई नवाचार एवं उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए व्यक्तियों को भविष्य के लिए अग्रणी बनाता है।
सीएलई हमेशा वैश्विक मंच पर भारतीय चमड़े एवं स्टाइलिश उत्पादों का सक्रिय रूप से समर्थन और प्रचार करने में अग्रणी रही है। ईसीजीसी संरक्षक के रूप में कार्य करता है और विशेष क्रेडिट बीमा सेवाएं प्रदान करता है जो भारतीय निर्यातकों को विभिन्न जोखिमों से बचाता है। यह समर्थन न केवल आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है बल्कि हमारे निर्यातकों को वित्तीय अस्थिरता के डर के बिना नए आयामों को तलाशने के लिए भी सशक्त बनाता है।
इस दौरान विचार विमर्श के दौरान कहा गया कि फुटवियर की दुनिया को बढ़ाने एवं उन्नत करने के लिए लगातार नए विचारों के साथ प्रयोग किया जा रहा है। साथ में ये संस्थाएं एक साझा लक्ष्य की दिशा में प्रयासों को सुसंगत बनाने की प्रतिज्ञा करती हैं कि चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग को अधिक स्टाइलिश, टिकाऊ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बनाना, जिससे 'विकसित भारत' – एक विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सके।
शेखर
वार्ता