बेंगलुरु, 08 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को राज्य को सूखा राहत प्रदान करने में देरी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और साथ ही उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस स्वीकारोक्ति का भी हवाला दिया कि आम चुनावों की घोषणा के कारण इसमें देरी एक वजह है।
श्री शिवकुमार ने राजराजेश्वरी नगर में अपार्टमेंट मालिकों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आम चुनावों की घोषणा के कारण कर्नाटक को सूखा राहत राशि देने में देरी हुई। यह कहकर माना कि सूखा राहत में देरी हुई है और केंद्र ने कर्नाटक के साथ अन्याय किया है। वह कर्नाटक पर सूखा राहत के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगा रही थीं।”
श्री शिवकुमार ने केंद्र पर कर्नाटक के प्रति अन्याय का भी आरोप लगाया और चुनाव और सूखा राहत के बीच संबंध पर सवाल उठाया और पूछा, “चुनाव और सूखा राहत के बीच क्या संबंध है?”
श्रीमती सीतारमण ने शनिवार को कहा था कि कर्नाटक को सूखा राहत देने में देरी हुई और यह जानबूझकर नहीं किया गया बल्कि केन्द्र सरकार को इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ी।
श्री शिवकुमार ने कहा, “हमने चार महीने पहले सूखा राहत के लिए आवेदन प्रस्तुत कर दिया था । हमारी अपील के बाद चार महीने तक कोई आदर्श आचार संहिता नहीं थी। अब वह आचार संहिता का बहाना दे रही है। लोग केंद्र के अन्याय से अवगत हैं। यह डी के सुरेश के 'हमारा कर हमारा अधिकार' अभियान को न्यायसंगत ठहराते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैँ।'
सैनी, उप्रेती
वार्ता