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गया (सु) सीट जीतनराम मांझी के लिये कितनी सुरक्षित

गया (सु) सीट जीतनराम मांझी के लिये कितनी सुरक्षित

पटना, 06 अप्रैल (वार्ता) बिहार लोकसभा चुनाव में गया (सु) सीट से चौथी बार चुनाव लड़ रहे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी के लिये यह सीट अबतक सुरक्षित नहीं रही है और उन्हें तीन बार इस सीट से पराजय का सामना करना पड़ा है।

गया (सु) सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बैनर तले हम प्रमुख जीतनराम मांझी चौथी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी और बोधगया के विधायक कुमार सर्वजीत चुनावी रणभूमि में ताल ठोक रहे हैं। कुमार सर्वजीत स्व. राजेश कुमार के पुत्र हैं, जिन्होंने जीतनराम मांझी को वर्ष 1991 के गया (सु) सीट पर हुये लोकसभा चुनाव में पराजित किया था। इस तरह 33 वर्षो के बाद जीतन राम मांझी पिता के बाद पुत्र से मुकाबला कर रहे हैं। गया (सु) इस बार के लोकसभा चुनाव में एकमात्र सीट है, जहां दो विधायक जीतन राम मांझी और कुमार सर्वजीत के बीच मुकाबला होगा।

गया (सु) सीट से श्री मांझी ने तीन बार पहले भी अपनी किस्मत आजमायी थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सबसे पहले वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में गया संसदीय सीट से जीतन राम मांझी ने कांग्रेस के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इस सीट पर जीतन राम मांझी की टक्कर जनता दल उम्मीदवार राजेश कुमार से हुयी। राजेश कुमार ने जीतन राम मांझी को 53795 मतों के अंतर से पराजित किया। भारतीय जनता पार्ट(भाजपा) उम्मीदवार नगिया देवी तीसरे नंबर पर रही।

श्री मांझी ने वर्ष 1991 के बाद 2014 में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के टिकट पर दूसरी बार गया संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा।इस चुनाव में भी जीतन राम मांझी को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में जदयू , राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल नहीं थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हरि मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी रामजी मांझी को पराजित किया। जदयू प्रत्याशी जीतन राम मांझी तीसरे नंबर पर रहे।

श्री मांझी ने इसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गया (सु) सीट पर महागठबंधन के बैनर तले हम उम्मीदवार के रूप राजग के विरूद्ध चुनाव लड़ा था। गया (सु) सीट से हम प्रत्याशी जीतन राम मांझी को (जदयू) उम्मीदवार विजय कुमार मांझी से पराजय मिली थी।इस तरह गया (सु) सीट पर जीतन राम मांझी को तीन बार पराजय का सामना करना पड़ा है। गया (सु) सीट अबतक जीतन राम मांझी के लिये सुरक्षित सीट नहीं रही है।

गौरतलब है कि वर्ष 2024 के चुनाव में श्री मांझी महागठंधन छोड़कर राजग में शामिल हो गये हैं। राजग के घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल में गया (सु) सीट इस बार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी (हम) को दे दी गई है। जीतन राम मांझी ने अपने राजनीतिक सफर में जीतनराम मांझी मंत्री से मुख्यमंत्री तक कई अहम पदों पर रहें लेकिन वह कभी लोकसभा सांसद नहीं बन सके।बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव 19 अप्रैल से 01 जून तक सात चरणों में किये जायेंगे। बिहार में प्रथम चरण की चार सीट गया (सु),औरंगाबाद, नवादा और जमुई (सु.), के लिए मतदान 19 अप्रैल 2024 को होगा।

प्रेम सूरज

वार्ता

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