राज्य » राजस्थानPosted at: Jan 10 2020 4:49PM राजस्थान में अपराध पर अंकुश लगाने में गहलोत सरकार विफल-कटारिया
जयपुर 10 जनवरी (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर प्रदेश में अपराध पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था बेहद चिंताजनक है और सही ढंग से मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही है।
श्री कटारिया ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसे लेकर गंभीर नहीं है और न ही अपराध रोकने के लिए सही ढंग से किसी तरह की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से पूछना चाहते है कि अपराध में इतनी बड़ी वृद्धि आजादी से लेकर पिछले किसी वर्ष में नहीं हुई, इसका उन्हें जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि “श्री गहलोत सर्वअधिकार प्राप्त मुख्यमंत्री हैं और वह अपराध कितने रोक पाये हो, यह जवाब दे दे।” उन्होंने दोहराया कि श्री गहलोत विभाग को समय नहीं दे पा रहे है तो उन्हें मॉनिटरिंग के लिए किसी को नियुक्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2017 की तुलना में गत वर्ष महिला के प्रति अपराध 60 प्रतिशत से अधिक बढा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति 64 प्रतिशत अपराध में वृद्धि हुई है जबकि इस डकैती में सबसे ज्यादा 127 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षित नहीं हैं और गत वर्ष अपराधों में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिससे राजधानी जयपुर अपराध में देश में शीर्ष पर आ रहा है। श्री कटारिया ने कहा कि उनके समय राज्य अपराध के मामले में दूसरे स्थान से चौथे पायदान पर आ गया था लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद प्रदेश इस मामले में फिर दूसरे स्थान पर आ गया।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग मॉनिटरिंग चाहता है और सरकार रोजाना मॉनिटरिंग करे तो सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में सही ढंग से मॉनिटरिंग होती थी। हर महीने ग्रेडिंग देने का काम किया जाता था, जिससे थाना के इंचार्ज को पता चलता था कि वह किस स्तर पर है। उन्होंने कहा कि जयपुर जैसे शहर में किसी घटना पर पुलिस अगर पन्द्रह मिनट में नहीं पहुंचती है तो कैसे अपराध को रोका जा सकेगा। इससे अपराधियों एवं उपद्रव करने वाले लोगों के मन में डर नहीं रहा।
श्री कटारिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा ने आंदोलन किये हैं और पिछले दस सालों में कांग्रेस से तुलना की जाये तो इतने एक साल में ही कर दिये गये।
जोरा
वार्ता