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वीर नारियों के स्वरोजगार, आर्थिक स्वावलंबन को प्राथमिकता दें : मौर्य

वीर नारियों के स्वरोजगार, आर्थिक स्वावलंबन को प्राथमिकता दें : मौर्य

देहरादून 22 अगस्त (वार्ता) उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्य सैंनिक पुर्नवास संस्था के प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए गुरुवार को कहा वीर नारियों के स्वरोजगार और आर्थिक स्वावलंबन को प्राथमिकता देने के साथ, दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में रह रही वीर नारियों को महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाय।

राजभवन में आयोजित बैठक में श्रीमती मौर्य ने आज प्रदेश में रह रही वीर नारियों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे उनके लिए कोई जागरूकता शिविर एवं कौशल विकास सम्मेलन आयोजित किया जा सके। उन्होंने 1423 एकड़ में विस्तृत पत्थरचट्टा सैनिक फार्म के कुशल वित्तीय प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फार्म में फूलों की खेती और नकदी फसलों पर ध्यान दिया जाय।

राज्यपाल ने पूर्व सैनिकाें तथा उनके आश्रितों के स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास विभाग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में सैनिक आश्रितों के बच्चों के लिए कक्षा 11 से स्नातक तक दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिए न्यूनतम अंकों के मानक को 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने मैदानी क्षेत्रों के लिए यह मानक 60 प्रतिशत करने के निर्देश दिए। इससे बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के आश्रितों को लाभ मिलेगा।

बैठक में पूर्व सैनिकों ने पुनर्वास हेतु दिए जाने वाले ऋण में अनुदान में भी भारी वृद्धि का निर्णय लिया गया। पूर्व सैनिकों को स्वरोजगार हेतु पांच लाख रुपये तक के ऋण पर दस प्रतिशत अनुदान और पांच से 10 लाख रुपये तक के ऋण पर पांच प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय हुआ। अभी तक एक लाख तक ऋण पर 10 प्रतिशत और एक लाख से पांच लाख तक ऋण पर पांच प्रतिशत अनुदान था। इससे पूर्व सैनिकों को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।

बैठक में जूनियर हाईस्कूल पत्थरचट्टा के लिए भवन निर्माण हेतु 800 वर्ग मीटर भूमि उपयोग की स्वीकृति प्रदान की गई।

श्रीमती मौर्य ने कहा कि केन्द्रीय सैनिक बोर्ड और राज्य सरकार की संस्थाओं में समन्वय होना चाहिए जिससे पूर्व सैनिकों को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले। उन्होंने मुख्य सचिव को संस्था फार्म पत्थरचट्टा की 483 एकड़ कृषि भूमि के लीज के लंबित मुद्दे को शीघ्र सुलझाने के निर्देश दिये।

राज्यपाल ने कहा कि सैनिक पुनर्वास संस्था के लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति की नियमित बैठकें आयोजित की जायें। उन्होंने सचिव सैनिक कल्याण को निर्देशित किया कि दैवीय आपदा हेतु सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता में कोई सैनिक परिवार छूटने न पाये। संस्था द्वारा वर्ष 2019-20 के बजट हेतु 8.63 करोड़ रुपये की आय तथा 6.09 करोड़ रुपये के व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। संस्था द्वारा वर्ष 2019-20 हेतु कुल लाभ 2.54 करोड़ रुपये अनुमानित है।

बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, जी.ओ.सी. मेजर जनरल आरएल भास्कर, सचिव राज्यपाल रमेश कुमार सुधांशु, सचिव कृषि डाॅ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव सैनिक कल्याण बी.एस. मनराल, ले. कर्नल निशीथ थपलियाल, कर्नल पृथ्वीराज सिंह, कर्नल अशोक मिश्रा, ब्रिगेडियर के. बी. चांद सहित सैनिक पुनर्वास के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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