नयी दिल्ली, 27 सितम्बर (वार्ता) भारत के तेजी से उभरते युवा शटलर ध्रुव कपिला ने मंगलवार को कहा कि उनकी सफलता के पीछे उनके गुरू पुलेला गोपीचंद और डेनमार्क के कोच माथियास बो से मिली प्रेरणा है जो हमेशा उन्हें जीत के लिये प्रोत्साहित करते रहते हैं।
पिछले हफ्ते इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज जीतने से उत्साहित युगल मैचों के विशेषज्ञ खिलाड़ी ने कहा, “टूर्नामेंट की शुरुआत से हमारे पास अच्छे मैच थे। हमने मलेशियाई जोड़ी के खिलाफ अच्छा खेला और फिर क्वार्टर फाइनल में हमने थाईलैंड की जोड़ी को हराया। मलेशियाई जोड़ी के साथ मैच मुश्किल था क्योंकि हम जानते थे कि वे वास्तव में मजबूत थे और उन्होंने कुछ अच्छा बैडमिंटन खेला था, लेकिन हम इसके लिए तैयार थे। हमने उन्हें 21-15 और 23-21 से हराया और थाईलैंड की जोड़ी के खिलाफ 21-14, 21-2 के स्कोर के साथ एक आसान जीत हासिल की।"
ध्रुव ने कहा, “मेरे और अर्जुन के पास टूर्नामेंट की शुरुआत से ही योजनाएं थीं। गोपी सर और माथियास ने हमसे कहा था कि हमें यह दिखाने के लिए टूर्नामेंट जीतना होगा कि हम उच्च स्तर पर हैं और हमने इसे साबित किया। थाईलैंड की जोड़ी के खिलाफ फाइनल एक मुश्किल मैच था। हमने इस साल की शुरुआत में कुछ बेहतरीन मैच खेले और टूर्नामेंट के दौरान भी लगातार बने रहे लेकिन हमने वह चुनौती स्वीकार की और हमने अच्छी तैयारी की। हम जानते थे कि वे महत्वपूर्ण क्षण में हिचकिचाएंगे और हमने इसका फायदा उठाया।”
पंजाब में लुधियाना शहर के कैलाश चौक निवासी, 22 वर्षीय ध्रुव ने 2019 दक्षिण एशियाई खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत युगल मिश्रित युगल और पुरूष टीम में तीन स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियां बटोरी थीं। वह उस भारतीय टीम का भी हिस्सा थे जिसने देश के लिए पहला थॉमस कप जीतकर इतिहास रचा था।
ध्रुव अब फ्रेंच ओपन और जर्मन ओपन में भाग लेने के लिये जमकर पसीना बहा रहे हैं।
प्रदीप. शादाब
वार्ता