Tuesday, May 7 2024 | Time 03:09 Hrs(IST)
image
राज्य » गुजरात / महाराष्ट्र


अगर मैं आपकी मदद नहीं करता हूं, तो मुझे राजनीति छोड़ने के लिए कहें: अजित

अगर मैं आपकी मदद नहीं करता हूं, तो मुझे राजनीति छोड़ने के लिए कहें: अजित

अमरावती, 21 अप्रैल (वार्ता) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को सोयाबीन और कपास उत्पादकों से कहा कि अगर 22 अप्रैल तक सरकारी मदद उन तक नहीं पहुंचती है, तो उन्हें इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहना चाहिए और राजनीति छोड़ देना चाहिए।

यहां एक रैली को संबोधित करते हुए श्री अजीत ने कहा कि राज्य सरकार ने सोयाबीन और कपास उत्पादकों को प्रति क्विंटल नहीं, बल्कि प्रति हेक्टेयर कृषि भूमि के हिसाब से मदद देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अनुदान के लिए राज्य के बजट में 4,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा,“हम अपनी बात पर कायम हैं। अगर कल मदद नहीं मिलती है, तो आप कह सकते हैं ‘अजित पवार चले जाएं’ और ‘विधानसभा चुनाव न लड़ें।”

वह यहां शिव संभाजी स्वराज्य प्रतिष्ठान की ओर से संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी नवनीत राणा के समर्थन में आयोजित बहुजन मेले में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों को इस साल बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। सोयाबीन और कपास की जानकारी समय पर नहीं मिल पाती थी।

उन्होंने कहा,“हमने पहले ही बजट में चार हजार करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान हमें आपसे दोबारा वोट मांगना है। अगर हम आपकी मदद नहीं करते हैं, तो आप कह सकते हैं कि हमारे दरवाजे खड़े मत रहिए।”

श्री अजीत ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि उसके पास नेतृत्व करने में सक्षम व्यक्तित्वों का अभाव है। उन्होंने कहा,“एक तरफ श्री नरेंद्र मोदी सक्षम नेता हैं। वहीं,दूसरी तरफ विपक्ष कमजोर है। कोई भी नेतृत्व नहीं कर सकता। श्री राहुल गांधी में वह क्षमता ही नहीं है।”

उन्होंने विपक्ष पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए लोगों को आश्वासन दिया कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा दिया गया संविधान तब तक रहेगा, जब तक सूरज और चाँद रहेगा। उन्होंने कहा,“संविधान में संशोधन किया जा सकता है। सभी प्रधानमंत्रियों ने कुल मिलाकर 106 बार इसमें संशोधन किया है।”

उन्होंने कहा,“देश के विकास में किसानों ने बड़ा योगदान दिया है। हमने न केवल गन्ना उत्पादकों, बल्कि अन्य खाद्यान्न उत्पादकों को भी वित्तीय सहायता प्रदान की है।”

संतोष.संजय

वार्ता

image