खेलPosted at: Dec 17 2016 7:00PM खिताब के लिये उतरेगी हॉकी की ‘युवा ब्रिगेड’
लखनऊ, 17 दिसंबर (वार्ता) भारतीय पुरूष जूनियर हॉकी टीम रविवार को यहां मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में बेल्जियम के खिलाफ विश्वकप टूर्नामेंट की आखिरी चुनौती को पार करने उतरेगी जहां उसके पास 15 वर्ष के बाद फिर से इतिहास रचने का मौका होगा। भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने वर्ष 2001 में विश्वकप टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था। हालांकि जिस तरह से टीम ने स्पेन और आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने आखिरी मैच खेले उससे साफ है कि मेजबान टीम ने अपने मजबूत विपक्षियों को भी पूरे आत्मविश्वास के साथ परास्त किया। भारत ने शुक्रवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ 4-2 से पेनल्टी शूटआउट में जीत दर्ज कर फाइनल में प्रवेश किया था। स्पेन के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में और आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय टीम पहले हाफ में पिछड़ गयी थी लेकिन घरेलू परिस्थितियों में उसने बेहतरीन खेलते हुये मैच के दूसरे हाफ में वापसी की और मैच भी जीता। भारत ने वर्ष 1997 में इंग्लैंड में पहली बार चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया था और तब उसे फाइनल में आस्ट्रेलिया से 2-3 से हार मिली थी। लेकिन भारत ने वर्ष 2001 में होबार्ट में अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर खिताब जीता। जूनियर विश्वकप में भारतीय टीम ने वर्ष 2005 में तीसरे स्थान पर रहकर कांस्य पदक जीता था। वहीं बेल्जियम की टीम पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। उसने पूर्व चैंपियन और खिताब की प्रबल दावेदार जर्मनी को पेनल्टी शूटआउट में हराया था और उससे पहले क्वार्टरफाइनल में अर्जेटीना के खिलाफ भी शूटआउट में जीत दर्ज की थी। नयी दिल्ली में वर्ष 2013 में हुये विश्वकप में बेल्जियम छठे स्थान पर रहा था जबकि भारत उस समय 10वें स्थान पर था।