कोलंबो, 09 जून (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा भारत के दोस्तों को जब उसकी जरुरत होती है तो वह उन्हें कभी नहीं भूलता।
श्री मोदी ने श्रीलंका पहुंचने के बाद ट्वीट किया, “श्रीलंका में पहुंचकर बहुत खुश हूँ, चार वर्षों में इस सुंदर द्वीप में मेरी तीसरी यात्रा है। श्रीलंका के लोगों द्वारा दिखाए गए गर्मी को समान माप में साझा करें। श्रीलंका की जनता की गर्मजोशी को साझा कर रहा हूँ। भारत जरुरत के समय अपने दोस्तों को कभी नहीं भूलता।”
उनहोंने लिखा, “औपचारिक स्वागत से बहुत प्रभावित हुआ हूँ।”
प्रधानमंत्री बनने के बाद मालदीव के पहली यात्रा के बाद अपनी यात्रा के दूसरे चरण में श्रीलंका पहुंचे और मोदी सरकार ने ‘नेबरहुड फर्स्ट’ की पहली नीति के महत्व को प्रदर्शित करने की कोशिश की।
श्री मोदी का श्रीलंका के भंडारानायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्वागत किया।
विदेश सचिव विजय गोखले ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “यह यात्रा एक बहुत ही खास इशारा करती और यह एकजुटता का संदेश देते हुए भारत सरकार अौर जनता इस दुखद घड़ी में श्रीलंका की जनता और उनकी सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है।”
श्री मोदी श्रीलंका के दौरे पर जाने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय नेता हैं जो श्रीलंका में हाल ही में ईस्टर के अवसर सिलसिलेवार बम धमकों के बाद यहां पहुंचे। इन विस्फोटों मेें 11 भारतीय नागरिकों सहित 250 से अधिक लोग मारे गए थे।
श्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, विपक्षी नेता महिंद्रा राजपक्षे और तमिल नेशनल अलायंस के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच आतंकवाद समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। श्री मोदी की यह तीसरी श्रीलंका यात्रा है। इससे पहले वह वर्ष 2015 और 2017 में श्रीलंका के दौरे पर गए थे।
श्री मोदी की प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद मालदीव की पहली विदेश यात्रा की। प्रधानमंत्री ने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलीह के साथ विस्तार से बातीचीत भी की।
मालदीव की संसद पीपुल्स मजलिस में अपने संबोधन में श्री मोदी ने पाकिस्तान पर भी परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि आतंकवाद विश्व स्तर पर एक बड़ी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा अच्छे और बुरे आतंकवाद पर बहस कर अपना बहुमूल्य समय बर्बाद किया है।
श्री मोदी की मालदीव और श्रीलंका की यात्रा सुरक्षा और सभी क्षेत्रों में विकास (सागर) सिद्धांत की सफलता के लिए भारत की नेकनियती को भी दर्शाती है।
उप्रेती.संजय
वार्ता