इस्लामाबाद, 28 जुलाई (वार्ता) पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी मध्यस्था का मामला सबसे पहले भारत ने उठाया लेकिन इसे लेकर इस देश में उठे राजनीतिक विवाद के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार अब इससे पीछे हट रही है।
श्री कुरैशी ने यह बयान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी मध्यस्था का अनुरोध किये जाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के संदर्भ में दिया है।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका को यह महसूस कराया कि कश्मीर विवाद का कारण है जिसके जल्द समाधान की जरूरत है।
इससे पहले 23 जुलाई को अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्था संबंधी श्री ट्रंप के दावे से अलग कहा था कि, “कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का एक द्विपक्षीय मुद्दा है।”
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो में कार्यवाहक सहायक सचिव एलिस वेल्स ने एक ट्वीट में कहा था, “कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक एक द्विपक्षीय मुद्दा है। ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान और भारत के बीच संवाद का स्वागत करता है।”
कश्मीर मुद्दे पर श्री ट्रंप के बयान से भारत में विवाद खड़ा हो गया। इसे लेकर कांग्रेस ने मांग की कि श्री मोदी को लोकसभा में मामले को स्पष्ट करना चाहिए।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्ष के हंगामों के बाद संसद के दोनों सदनों में कहा था,“भारत की यह दृढ़ नीति है कि पाकिस्तान के साथ सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा केवल द्विपक्षीय रूप से हो।” उन्होंने कहा था, “अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया।”
प्रियंका.संजय
वार्ता