बेंगलुरु, 12 सितंबर (वार्ता) भारतीय पुरुष हॉकी टीम के स्ट्राइकर एसवी सुनील का कहना है कि पहले की तुलना में भारतीय पुरुष तथा महिला हॉकी टीमों में काफी बदलाव आया है।
सुनील ने 2007 एशिया कप के दौरान टीम में पदार्पण किया था। उनका कहना है कि उनके उस समय की तुलना में अब भारतीय हॉकी टीमों में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला टीमें पहले की तुलना में काफी पेशेवर हो गयी हैं।
सुनील ने कहा, “जब 2007 में मैंने भारतीय सीनियर टीम में पदार्पण किया उस समय माहौल काफी अलग था। 10-12 वर्षों में राष्ट्रीय हॉकी टीमों में काफी बदलाव आया है। टीमें अब काफी पेशेवर हो गयी हैं। हॉकी इंडिया ने बेहतर सुविधा दी है जो किसी भी शीर्ष देशों के बराबर ही है। इसके अलावा बड़े टूर्नामेंट से पहले कुछ अन्य मुकाबले कराने से टीम सही समय में लय हासिल कर रही है। इन कारणों की वजह से टीम के प्रदर्शन में सुधार आया है।”
उन्होंने कहा, “पहले खिलाड़ी बिना किसी सवाल के वही करते थे जो कोच करने के लिए कहते थे। लेकिन अब इसमें बदलाव आया है और मौजूदा समय में कोच और खिलाड़ी के बीच संवाद होता है और इन्हें ट्रेनिंग सत्रों में रणनीति बनाने में शामिल किया जाता है। हॉकी इंडिया भी सीनियर खिलाड़ियों से सलाह लेता है। इससे भारतीय टीम को विश्व रैंकिंग में नंबर चार के स्थान पर पहुंचाने में मदद मिली है।”
स्ट्राइकर ने कहा, “हम हॉकी इंडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की व्यवस्था से काफी खुश हैं। यहां हमें जैविक सुरक्षा प्रोटोकॉल में रहने जैसा लगता है जहां हम बाहर के किसी भी व्यक्ति से संपर्क में नहीं आते हैं।”
सुनील ने कहा, “इस साल टीम को आंतरिक मुकाबले छोड़कर कोई भी टूर्नामेंट नहीं खेलना है। हमें उम्मीद है कि अगले साल हमें कुछ अच्छे दौरे मिले जिससे हम एशिया चैंपियंस ट्राफी और एफआईएच हॉकी प्रो लीग के पहले अपनी लय हासिल कर सकें। हमें ओलंपिक खेलों के लिए अपने को तैयार रखना है और हमें बताया गया है कि हॉकी इंडिया ने हमारे दौरे के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।”
शोभित
वार्ता