भारतPosted at: Jun 6 2019 6:55PM कैंसर पीड़ित विचाराधीन कैदी की अंतरिम जमानत याचिका खारिज
नयी दिल्ली, 06 जून (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने जाली नोटों के मामले में जेल में बंद एक कैंसर पीड़ित विचाराधीन कैदी की अंतरिम जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन पीठ ने कैंसर पीड़ित आशू जैफ की याचिका खारिज कर दी।
याचिकाकर्ता ने अपनी मां की गोद में आखिरी सांस लेने की इच्छा जाहिर करते हुए अंतरिम जमानत अर्जी मंजूर करने की अपील की थी।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने यह दलील दी थी कि इस मामले के दो सह-आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है। वकील ने समानता के अधिकार के तहत याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने की दलील दी लेकिन न्यायालय उनकी दलीलों से संतुष्ट नजर नहीं आया और उसने याचिका खारिज कर दी।
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने इस याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी करते हुए पांच जून तक जवाब मांगा था।