नयी दिल्ली, 18 जनवरी (वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोरोना महामारी के कारण विश्व भर में संसदीय कामकाज के इलैक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर आने को वक्त की मांग करार दिया है और इसका लाभ समाज के निचले स्तर तक सुनिश्चित करने के लिए डिजीटल डिवाइड को दूर करने पर जोर दिया है।
श्री बिरला आज राष्ट्रमंडल देशों की संसद के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की स्थायी समिति की वर्चुअल बैठक में भाग ले रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने दुनिया भर में संसदों के कामकाज को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लोकसभा में कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्य किये गए जिसमे संसद द्वारा इस मुश्किल घड़ी में जनता की सेवा कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए समुचित कानून बनाना शामिल है। सभी कोरोना प्रोटोकॉल मानकों का पालन करते हुए सभा की कार्यवाही का संचालन किया और संसद परिसर में सभी के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि संसद के कार्यकरण में ई-संसद और ई-ऑफिस जैसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) साधनों के बढ़ते उपयोग ने सांसदों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रभावशाली तरीके से निर्वहन करने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान किया है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि आईसीटी प्रौद्योगिकियों ने एक ओर सांसदों को वर्चुअल मंच के माध्यम से सपोर्ट दिया है, वहीं दूसरी ओर संसद के कार्यकरण को अधिक पारदर्शी, समावेशी और जवाबदेह बनाने में सहायता की है। इनके माध्यम से सांसद और नागरिकों के लिए संसदीय कार्यों से जुड़ने के अधिकाधिक अवसर उत्पन्न हुए हैं।
श्री बिरला ने कहा कि आईसीटी से उत्पन्न अवसरों का लाभ समाज के सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंचना चाहिए। तभी इसका पूरा लाभ देश और समाज को मिल सकता है। इसीलिए हमें डिजिटल डिवाइड को दूर करने के लिए एक “जन-केंद्रित, समावेशी और विकासोन्मुखी” समाज की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी देशों के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सूचना, संचार और प्रोद्योगिकी के क्षमता निर्माण को गति प्रदान करने के लिए भारत अपने सभी मित्र देशों के साथ मिलजुलकर काम कर रहा है। उन्होंने वैश्विक समुदाय के उज्ज्वल भविष्य के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक साझेदारी को सुदृढ़ करने संबंधी भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि संसद के बजट सत्र के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए व्यवस्था की जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष ने बाद में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए ने कहा कि किसी भी देश की संसद को दूसरे देश की संसद द्वारा पारित कानूनों पर टिपण्णी करना उचित नहीं है।
इस बैठक में 2022 में ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रमंडल देशों की संसद के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की स्थायी समिति की 26वीं बैठक में विचार किए जाने वाले विषयों पर चर्चा हुई। ये विषय हैं- संसद और महामारी, दूसरा विषय भौतिक सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के संबंध में संसदों के लिए निरंतर बदलती हुई आवश्यकताएं, ई-संसद तथा संसदीय नवाचारों को आगे बढ़ाने में पीठासीन अधिकारियों अथवा अध्यक्ष की भूमिका। अंत में इस बैठक में संसद सदस्यों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी विचार विमर्श किया गया।
सचिन
वार्ता