दुनियाPosted at: Sep 6 2018 2:30PM जापान में भूकंप से चार की मौत, 120 घायल, 33 लापता
टोक्यो 06 सितम्बर (रायटर) जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो में गुरुवार तड़के आये भूकंप और उसके बाद हुए भूस्खलन से चार लोगों की मौत हो गयी तथा 120 घायल हो गये जबकि 33 लापता हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 आंकी गयी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भूकंप और भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। राहत और बचाव कर्मी मलवे से लोगों को निकालने के काम में लगे हुए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गयी है जबकि छह लोगों को लगभग मृतप्राय: स्थिति में मलबे से निकाला गया है। भूकंप और भूस्खलन में 120 लोग घायल हो गये हैं।
प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा है कि राहत और बचाव अभियान में आत्मरक्षा बल के 25,000 सैनिकों को लगाया गया है।
एक महिला ने कहा,“भूकंप के चार बड़े झटके आये। हम कुछ समझ पाते इससे पहले हमारा मकान झूक गया। हम दरवाजा तक नहीं खोल सके।”
दक्षिण होक्काइडो स्थित अत्सुमा शहर में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ और पूरे द्वीप में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी। यहां कई पेड़ उखड़ गये और कई मकान ढह गये।
भूकंप के बाद पूरे होक्काइडो द्वीप में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गयी है जिसे बहाल करने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा। होक्काइडो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी ने कहा है कि बिजली आपूर्ति संयंत्र का आपातकालीन स्थिति में बंद करना पड़ा। कंपनी ने कहा कि वर्ष 1951 में स्थापना के बाद पहली बार पूरे द्वीप में बिजली आपूर्ति बाधित हुयी है।
जापान के व्यापार एवं उद्योग मंत्री हिरोशिगे सेको ने कहा है कि होक्काइडो इलेक्ट्रिक कंपनी ने सबसे पहले अपने टोमैटो-अत्सुमा संयंत्र को क्षति पहुंची है जो द्वीप की करीब 30 लाख घरों में बिजली की आपूर्ति करता है। इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
जापान के मौसम विभाग के अनुसार सुबह तीन बजकर आठ मिनट पर आये भूकंप का केंद्र होक्काइडो के मुख्य शहर सप्पोरो से 65 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जमीन की सतह से 40 किलोमीटर नीचे था।
जापान की समाचार एजेंसी ‘क्योडो’ के अनुसार होक्काइडो द्वीप ने सभी रेल सेवाएं बाधित हैं। होक्कोइडो के न्यू चितोसे हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया। इससे 200 उड़ाने और 40,000 यात्री प्रभावित होंगे।
गौरतलब है कि प्रशांत महासागरीय द्वीपों का देश जापान अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण हमेशा से भूकंप, सुनामी और ज्वालामुखी संभावित क्षेत्र रहा है।
दिनेश आशा
रायटर