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लोकरुचि


झांसी:कपिल मुनि आश्रम मेले में उमड़ती है भारी भीड़

झांसी:कपिल मुनि आश्रम मेले में उमड़ती है भारी भीड़

झांसी 23 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश में झांसी जिले की मोंठ तहसील में कपिल मुनि का भव्य आश्रम है जो बुंदेलखंड के लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है यहां होली की दूज से शुरू हुए मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड उमड रही है।

मोंठ तहसील के टोडी गांव के पास कपिल मुनि का आश्रम है जो सेवरा पहाडी पर स्थित है । इस आश्रम में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है जिससे लोगों की आस्था बड़े गहराई से जुड़ी है । मान्यता है कि इस जगह सच्चे मन से जो भी मन्न्त मानी जाती है वह अवश्य पूरी होती है। होली कीे दूज से यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है जो प्रसाद और जल चढाकर अपनी अपनी मन्नत मानते हैं।

मंदिर से जुड़ी लोगों की आस्था ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को यहां खींचकर लाती है और न केवल आस पास बल्कि दूर दराज के इलाकों से भी लोग यहां आते हैं इस अवसर पर यहां जो मेला लगता है जो होली के एक दिन बाद दूज से शुरू होकर तीन दिनों तक चलता है। बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा इस मेले को भव्यता प्रदान करता है । इस बार भी मेले में न केवल खरीदारों बल्कि सामान बेचने वालों की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है।

मेले में कानपुर, उरई, एट, झांसी, आगरा और राजस्थान आदि अन्य जगहों से आकर दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें लगायीं र्हैं और यहां जमकर खरीदारी हो रही है। मिट्टी के सामान बर्तन एवं अन्य घरेलू उपयोगी चीजें मेले में बिक रही। जगह-जगह प्रसाद का वितरण किया गया। लोगों को ठंडा पानी एवं प्रसाद वितरित किया। मेले में झूले भी आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं, दूर-दूर से गांव के लोग ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर दर्शन के लिए आए।

बुजुर्ग ग्रामीणों ने बताया कि यह ऐतिहासिक मेला है करीब 100 वर्षों से अधिक पुरानी परंपरा अनुसार मेले का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं की मनसा पूर्ण होती है ,भगवान शिव के स्वयंभू शिवलिंग अवतार हैं । यहां लगने वाला मेला एक उत्सव की तरह होता है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर में एक प्राचीन गुफा है जिसका जल कितनी भी गर्मी पडें लेकिन सूखता नहीं है । इतना ही नहीं इस जल में कुछ ऐसी चमत्कारिक औषधीय शक्ति है कि किसानों की फसल में जब कीड़ा लग जाता है तब किसान इस गुफा के पानी का फसल पर छिड़काव करते हैं और जल्द ही फसल को ऐसे कीडों से निजात मिल जाती है।

सांख्य दर्शन के संस्थापक और इक्क्षवाकु वंश के महाराजा सगर के साठ पुत्रों को अपने श्राप से शिला बनाने वाले कपिल मुनि के आश्रम के बारे में माना जाता है कि यह देश में दो ही जगहों पर हैं एक गंगासागर में और दूसरा बुंदेलखंड में झांसी जिले की मोंठ तहसील में।

सोनिया

वार्ता

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