खेलPosted at: Oct 30 2017 10:17PM कानपुर में ख़ुशी लेकिन कुलदीप के न खेलने का मलाल
कानपुर, 30 अक्टूबर (वार्ता) न्यूजीलैंड के खिलाफ रविवार को खेले गये निर्णायक मुकाबले में भारत की रोमांचक जीत का जश्न यहां के बांशिदों ने देर रात तक आतिशबाजी से किया हालांकि इस बात का मलाल भी रहा कि वे ग्रीनपार्क मेैदान पर लोकल ब्वाय कुलदीप यादव की गेंदबाजी के जौहर देखने से वंचित रह गये। चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप का परिवार कानपुर में लालबंगला क्षेत्र में रहता है। कानपुर के क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद थी कि उनके चहेते गेंदबाज को होमग्राउंड पर खेलने का मौका मिलेगा। कुलदीप के कोच कपिलदेव पांडेय और रोवर्स क्लब में गेंदबाज के साथी एवं रिश्तेदार मैच शुरू होने से घंटा भर पहले ही दर्शक दीर्घा मे जम गये थे। मैदान में कई प्रशसंक कुलदीप की फोटो और उनके प्रोत्साहन के लिये बैनर लेकर भी आये थे। कुलदीप की क्रिकेट की पाठशाला के टीचर कपिल ने यूनीवार्ता से कहा, “ कुलदीप को अंतिम एकादश में नहीं देखना वाकई अचरज भरा था। हमें निराशा हुयी। उसे न खिलाने की कोई वजह कम से कम मुझे तो नजर नही आती। हालांकि अाखिरी फैसला टीम के कोच और कप्तान का होता है और उनका निर्णय हमारे सर माथे पर है। सांसे रोक देने वाले मुकाबले में भारत विजयी रहा। इससे बढ़कर और क्या बात हो सकती है।” कोच ने कहा, “कुलदीप उभरता हुआ सितारा है। लगन मेहनत और आत्मविश्वास से उसने भारतीय टीम में अपनी जगह बनायी है। उसमे काफी क्रिकेट बाकी है। उम्मीद है कि दक्षिण अफ्रीका दौरे में मौका मिलने पर वह खुद को सिद्ध कर सकेगा। मेरी और पूरे देश की दुआयें उसके साथ है।” कुलदीप के माता पिता हालांकि मैच देखने स्टेडियम नहीं गये थे। मैच शुरू होने से पहले पूरा स्टेडियम कुलदीप के नाम से गूंज रहा था हालांकि टीम की घोषणा होते ही यह शोर थम गया। ई बालकनी में मौजूद खेलप्रेमी रोशन ठाकुर ने कहा कि मैच जानदार रहा। बुमराह का प्रदर्शन काबिले तारीफ था। अगर कुलदीप को खेलता देख लेता तो टिकट के पूरे पैसे वसूल हो जाते। स्टेडियम से बाहर निकल रही श्वेता,कामिनी और राहुल का कहना था कि मैच का एक एक पल रोमांच से भरपूर था। न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने सांसें रोक दी थी मगर शुक्र है भुवी और बुमराह का जिन्होंने आखिरी समय में मैच को पलट दिया। कुलदीप अगर टीम में होता तो निश्चित रूप से मैच काफी पहले ही भारत के पक्ष में हो जाता। वह शानदार खिलाड़ी है। एक न एक दिन वह टीम में अनिल कुबंले की जगह लेगा। प्रदीप राज वार्ता