बेंगलुरु, 26 जुलाई (वार्ता) चार बार कर्नाटक की बागड़ोर संभालने वाले श्री बी एस येदियुरप्पा भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लायेंगे।
श्री येदियुरप्पा ने शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पत्रकारों से कहा कि विश्वास मत हासिल करने के तुरंत बाद वह वित्त विधेयक पेश करेंगे जो राज्य के कर्मचारियों के वेतन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बुनकरों का 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज माफ करेगी और प्रधानमंत्री सम्मान योजना में चार हजार रुपये का योगदान देगी जिसके तहत केन्द्र सरकार लाभार्थियों को प्रति वर्ष छह हजार रुपये दे रही है।
श्री येदियुरप्पा ने कहा कि जनता दल (सेक्युलर) -कांग्रेस गठबंधन सरकार के 14 माह के कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक मशिनरी पूरी तरह से चाैपट हो गयी है जिसे पटरी पर लाने की आवश्यता है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करना और सूखे की गंभीर समस्या से जूझ रहे लोगों को मदद पहुंचाना सरकार की सर्वोपरि प्राथमिकता है। उन्होंने कहा,“ हम शीघ्र अति शीघ्र इन मसलों को देखेंगे।”
इसके पहले राज्यपाल वजूभाई वाला ने राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में श्री येदियुरप्पा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन सचिव एन संतोष , पूर्व मंत्रियों, विधायकों , पार्टी नेता एवं कार्यकर्ता तथा उच्च प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। श्री येदियुरप्पा वरिष्ठ पार्टी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एस एम कृष्णा के साथ बैठे थे। श्री येदियुरप्पा ने ईश्वर के नाम पर शपथ ग्रहण की।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारामैया और एच डी कुमारस्वामी समेत विपक्षी कांग्रेस तथा जनता दल(सेक्युलर) के नेता समारोह में उपस्थित नहीं थे , जबकि विधायक पद से इस्तीफा दे चुके विद्रोही कांग्रेसी विधायक रोशन बेग इस मौके पर मौजूद थे।
इससे पहले श्री येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने राज्यपाल को 105 विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपते हुए बताया कि उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन सरकार 24 जुलाई को विश्वासमत हासिल नहीं कर पाई थी। कांग्रेस-जद(एस) को मात्र 99 और भाजपा को 105 वोट मिले थे। इसके बाद श्री येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
आशा, शोभित
वार्ता