मदुरै, 23 अप्रैल (वार्ता) तमिलनाडु के मदुरै शहर स्थित वैगई नदी में मंगलवार को मंगलवार तड़के भगवान कल्लाझागर की पवित्र डुबकी का अद्भुत दृश्य देखने लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे।
यह ऐतिहासिक कार्यक्रम विश्व प्रसिद्ध श्री मीनाक्षी-सुंदरेश्वर मंदिर के चल रहे 12 दिवसीय वार्षिक चिथिराई ब्रह्मोत्सवम उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया। भगवान सुंदरराज पेरुमल की सुशोभित मूर्ति को आज तड़के मंदिर से एक जुलूस में ले जाया गया। बाद में, भक्तों द्वारा 'गोविंदा, गोविंदा' के जयकारों के बीच भगवान कल्लाझागर की मूर्ति को वैगई नदी में पवित्र डुबकी लगवायी।
इस मौके पर, नदी तल पर पुजारी वीरराघव पेरुमल ने चांदी के घोड़े पर सवार होकर परंपरा के अनुसार देवता का स्वागत किया। इससे पहले, श्रीविल्लिपुथुर के प्रसिद्ध श्री अंडाल मंदिर से लाई गई तुलसी की एक माला से भगवान कल्लाझागर को सजाया गया, जो कि भगवान के प्रति देवी आंडल के स्नेह को व्यक्त करने की एक पारंपरिक प्रथा है।
वैगई नदी पर अनुष्ठान के बाद, भगवान कल्लाझागर की मूर्ति को एक जुलूस के रूप में शहर के ऐतिहासिक रामराय मंडपम में ले जाया गया, जहां भक्तों ने परंपरा के अनुसार भगवान पर पानी छिड़का। श्री मीनाक्षी-सुंदरेश्वर मंदिर का चिथिराई ब्रह्मोत्सव एक शैव त्योहार के साथ एकता और सौहार्द का उत्सव है जो एक वैष्णव पर्व का रूप लेता है। जिला प्रशासन ने विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वय से भव्य आयोजन के लिए विस्तृत व्यवस्था की है।
श्रद्धा अशोक
वार्ता