मुंबई 27 मार्च (वार्ता) बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता एवं फिल्मकार रजत कपूर का कहना है कि हिंदी सिनेमा की मुख्यधारा की फिल्में, बाजार में स्वतंत्र फिल्मों पर हावी हो रही हैं। रजत कपूर ने कहा कि आज भी लोग भी मुख्यधारा की फिल्में देखना पसंद करते हैं। रजत का मानना है कि यह समस्या भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनियाभर में फैली हुई है। देश में हम सिर्फ मुख्यधारा की सिनेमा ही देखते हैं.. यह बात किसी को पसंद हो या न हो। यह समस्या सिर्फ इस देश में नहीं, बल्कि दुनियाभर में है। मैं किसी से बात कर रहा था कि औसत दर्जे का सुपरहीरो फिल्म 600 अरब डॉलर की कमाई कर लेगा, जबकि मार्टिन स्कोर्सेसे की ‘साइलेंस’ जैसी फिल्म दुनिया में कहीं भी मुश्किल से ही रिलीज हो पाई।” रजत कपूर ने कहा कि लोग पॉपकॉर्न खाते हुए बस टाइमपास करने वाली मुख्यधारा की फिल्में ही देखना चाहते हैं। पिछले कुछ समय से सेंसर बोर्ड के काम करने के तरीके पर उंगलियां उठ रही हैं। रजत का भी मानना है कि दर्शक जो भी देखते हैं, उसे नियंत्रित करने के लिए ऐसी निकाय की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि आज के जमाने में जब इंटरनेट पर सब कुछ उपलब्ध है, तो फिर सेंसर बोर्ड द्वारा नियंत्रित करने का कोई मतलब नहीं बनता।