खेलPosted at: Jul 22 2020 10:51PM मयंक पारीख हितों के टकराव के घेरे में
मुंबई, 22 जुलाई (वार्ता) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के संचालन में वरिष्ठ अधिकारी मयंक पारीख हितों के टकराव के घेरे में आ गए हैं और बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी रिटायर्ड जज डीके जैन ने पारीख को बोर्ड में अपने पद से इस्तीफ़ा देने या मुंबई में अपने छह क्रिकेट क्लबों को समाप्त करने के लिए कहा है।
पारीख के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत है और बीसीसीआई संविधान के नियम 38(4) के अनुसार वह इसमें सूचीबद्ध 16 पदों में से एक से ज्यादा पद पर नहीं रह सकते हैं।
पारीख के खिलाफ शिकायत संजीव गुप्ता ने पिछले वर्ष जुलाई और अगस्त में की थी जिन्होंने हाल ही में मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) की आजीवन सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है। संजीव ने पिछले एक साल से अधिक समय में क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और विराट कोहली सहित कई भारतीय क्रिकेटरों की हितों के टकराव मामले को लेकर बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी से शिकायत की थी जिसमें ताजा मामला विराट का था। संजीव ने एमपीसीए के अन्य सदस्यों प्रसून कनमडीकर और दिलीप चडगर की शिकायत के बाद शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दिया था।
जस्टिस जैन ने 21 जुलाई के अपने आदेश में कहा है कि पारीख बीसीसीआई में अपने पद के कारण मुंबई क्रिकेट संघ में दखल रखते हैं और उन्हें उन छह क्लबों से आर्थिक फायदा भी मिलता है जो उनके परिवार के सदस्य चलाते हैं। पारीख का इन क्लबों पर अप्रत्यक्ष रूप से पूरा नियंत्रण है।
जस्टिस जैन ने कहा कि पारीख के मामले में हितों के टकराव का मामला बनता है और अब यह बीसीसीआई पर है कि वह पारीख को मौका दे कि वह मैनेजर बीसीसीआई पद से इस्तीफ़ा दें या फिर इन छह क्लबों को समाप्त करें।
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