अगरतला,09 मार्च (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम में तीसरे भूमि बंदरगाह का शनिवार को वर्चुअली उद्घाटन किया, जिसका मकसद बंगलादेश के चटगांव समुद्री बंदरगाह के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ देश के पूर्वोत्तर के व्यापार को अधिक सुविधाजनक बनाना है।
भारत ने त्रिपुरा को बंगलादेश से सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए फेनी नदी पर पहले ही एक पुल का निर्माण किया है, लेकिन यह अभी शुरू नहीं हुआ है। इसमें अभी दोनों देशों के बीच माल और लोगों की आवाजाही के लिए लैंड कस्टम स्टेशन और आव्रजन सुविधा नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री ने उद्घाटन समारोह को संबोधत करते हुए कहा, “केंद्र सरकार हर परिवार के लिए घर बनाने, मुफ्त राशन, सुरक्षित पेयजल और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने और देश के दूरदराज के कोनों में भी स्थायी इंटरनेट सुविधा प्रदान करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। हमारा लक्ष्य देश के बाकी हिस्सों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों का विकास करना है।”
श्री मोदी ने कहा, “पूर्वोत्तर में अष्टलक्ष्मी विकसित किए बिना देश का विकास संभव नहीं है। यही कारण है कि भारती जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर ध्यान केंद्रित किया। जिससे क्षेत्र को हीरा (हाईवे, इंटरनेट, रोडवेज और एयरवेज) मॉडल में बदला गया है।”
उन्होंने कहा कि सरकार अष्टलक्ष्मी की ही तरह पूर्वोत्तर के विकास और प्रगति के लिए काम कर रही है।पिछले पांच वर्षों में केन्द्र सरकार ने जितना काम किया है, उसे करने में कांग्रेस को 20 साल लगते।
इस कार्यक्रम में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अपने संबोधन में कहा, “वर्ष 2018 के बाद श्री मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा में राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव देखा गया है। हम मैत्री सेतु की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो राज्य को 70 किमी की दूरी पर चटगांव समुद्री बंदरगाह से जोड़ेगा। जिससे त्रिपुरा दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार बन जाएगा।”
उन्होंने कहा कि अखौरा और श्रीमंतपुर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) के बाद सबरूम लैंड पोर्ट इस क्षेत्र सबसे बड़ा क्षेत्र है जिसके माध्यम से पूर्वोत्तर भारत और अन्य राज्य चटगांव बंदरगाह तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यह सब श्री मोदी के कारण संभव हुआ है, जिन्होंने क्षेत्र के समग्र विकास के लिए काम किया। डॉ. साहा ने जोर देकर कहा, “हमें एक ऐसे अभिभावक पर गर्व महसूस होता है जो देश को निरंतर विकास के क्षेत्र आगे बढ़ा रहे हैं।”
उन्होंने सबरूम भूमि बंदरगाह के लिए 250 करोड़ रुपये, नल के पानी के लिए 732.98 करोड़ रुपये, गोमती जिले के रूपाइचारी और कारबुक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के लिए 48 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्ग 208ए पर कैलाशहर-कुर्ती ब्रिज खंड से सड़क के पुनर्वास और उन्नयन के लिए 154.51 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्ग-44ए पर मनु-लालचरा खंड के पुनर्वास और उन्नयन के लिए 251.89 करोड़ रुपये व्यय करने के बात कही।
डॉ. साहा ने कहा कि पूर्वोत्तर की प्रगति के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के साथ त्रिपुरा इस क्षेत्र में व्यापार और व्यवसाय का एक नया केंद्र बन रहा है।कई सड़क तथा रेलवे परियोजनाओं और बंगलादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी से प्रदेश में काफी सुधार होने शुरू हो गया है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बंगलादेश के चटगांव समुद्री बंदरगाह के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार और वाणिज्य की सुविधा के लिए सबरूम के साथ आधुनिक भूमि बंदरगाह और त्रिपुरा में 11 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। जिसमें 1.46 लाख ग्रामीण कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन, चार स्कूल के भवन निर्माण, एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय भवन और सड़कों के पुनर्वास और उन्नयन की सात अन्य परियोजनाएं सहित 2400 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं शामिल हैं।
श्री मोदी ने 12 अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिनमें अगरतला सरकारी डेंटल कॉलेज भवन, अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज में 200 बिस्तरों वाला मातृ शिशु स्वास्थ्य विंग, अगरतला का पश्चिमी बाईपास, राष्ट्रीय राजमार्ग-208 का सुधार एवं चौड़ीकरण, बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए चार सड़कों की गुणवत्ता का सुदृढ़ीकरण एवं सुधार, सिपाहीजला जिले में मादक पदार्थों के आदी लोगों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र, व्यापार और वाणिज्य के विस्तार के लिए पीएम एकता मॉल बिल्डिंग, नवीकरणीय ऊर्जा में सौर माइक्रो ग्रिड की स्थापना और सेकेरकोटे में पेट्रोलियम क्षेत्र में लगभग 6100 करोड़ का नया डिपो शामिल है।
उप्रेती,आशा
वार्ता