भारतPosted at: Sep 29 2020 7:33PM झुग्गी बस्तियों और अन्य शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण अधिक
नयी दिल्ली, 29 सितंबर (वार्ता) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव ने आज बताया कि देश के ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों की झुग्गी बस्तियों तथा अन्य इलाकाें में रहने वाले लोग अधिक संख्या में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से संक्रमित हुए।
डॉ भार्गव ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में मंगलवार को दूसरे राष्ट्रीय सिरोलॉजिकल सर्वेक्षण रिपोर्ट को जारी करते हुए बताया कि देश के ग्रामीण इलाकों में 4.4 प्रतिशत व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आये जबकि शहर के झुग्गी इलाकों की 15.6 प्रतिशत आबादी और अन्य शहरी इलाकों में 8.2 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित रही।
उन्होंने बताया कि सिरोलॉजिकल सर्वेक्षण में आम आबादी के रक्त का नमूना लिया जाता है और उनमें आईजीजी एंटीबॉडी की जांच की जाती है। अगर किसी व्यक्ति में एंटीबॉडी पायी जाती है, तो इसका मतलब होता है कि वे पहले कोविड-19 वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिसके बाद उनके शरीर में एंटीबॉडी विकसित हुई है। यह सर्वेक्षण यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि देश की आम आबादी में कोरोना वायरस का संक्रमण किस हद तक फैला है। इसके संक्रमण से किस आयु वर्ग और लिंग के व्यक्ति को अधिक खतरा है और किन इलाकों में कंटेनमेंट को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।
आईसीएमआर ने इसी कोशिश के तहत पहला सिराे सर्वेक्षण 11 मई से चार जून के बीच देश के 21 राज्यों के 70 जिलों के 700 गांवों में किया गया। पहला सर्वेक्षण वयस्क लोगों के बीच किया गया जिसमें पाया गया कि कोरोना संक्रमण 0.73 प्रतिशत आबादी में फैला है।
डॉ भार्गव ने बताया कि दूसरा सिरो सर्वेक्षण 10 साल और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के बीच किया गया। यह सर्वेक्षण 17 अगस्त से 22 सितंबर के बीच किया गया। यह सर्वेक्षण भी उन्हीं क्षेत्रों में किया गया, जहां पहला सिरो सर्वेक्षण किया गया था।
अर्चना.श्रवण
जारी वार्ता