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मेरा फोकस 2028 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक पर : प्रीति दुबे

मेरा फोकस 2028 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक पर : प्रीति दुबे

नई दिल्ली, 20 अप्रैल (वार्ता) तेज तर्राक फॉरवर्ड प्रीति दुबे का कहना है कि उनका लक्ष्य 18 सदस्यीय राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना और 2028 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में देश के लिये पदक लाना है।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) बैंगलोर में 33 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम के लिये आयोजित में शिविर में पसीना बहा रही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की 25 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि 2017 में हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम का आखिरी बार प्रतिनिधित्व किया था। 33 सदस्यीय दल में उनका चयन पुणे में आयोजित 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2024 में शानदार प्रदर्शन के बाद हुआ था।

अपने शामिल होने के बारे में बोलते हुए, प्रीति ने कहा, “राष्ट्रीय सेटअप में वापस आना आश्चर्यजनक लगता है। लेकिन ये सिर्फ पहला कदम है। मैं अपने परिवार के सदस्यों और अपने सभी कोचों को धन्यवाद देना चाहती हूं जो कठिन समय में मेरे साथ खड़े रहे और मेरा समर्थन किया। मुझे हमेशा अपने आप पर विश्वास था कि सही समय मै वापसी कर सकूंगी।

अपने संघर्षों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने पिछले कुछ वर्षों में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन मेरा मानना ​​है कि जो कुछ हुआ, उसने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाया है। जब 2020 में लॉकडाउन हुआ, तो मुझे बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि हम नेशनल नहीं खेल सके और इसके कारण मुझे सेंटर रेलवे में अपनी नौकरी से आवंटित छुट्टी नहीं मिल सकी। वह एक साल मेरे लिए सबसे कठिन था। मैं आठ घंटे काम करती थी फिर अपने कमरे में वापस आकर अपने लिये खाना खुद बनाती थी क्योंकि मैं अपने परिवार के बिना मुंबई में रह रही थी। लेकिन मैं हर दिन रात 8-9 बजे तक अपनी फिटनेस और ट्रेनिंग के लिए समय निकालती थी। मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरी फिटनेस का स्तर कभी कम न हो।”

उन्होने कहा “मेरा अगला लक्ष्य 18 सदस्यीय टीम के लिए जगह बनाना, आत्मविश्वास हासिल करना और अपनी टीम को अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर पदक जीतने में मदद करना है। मेरा मुख्य ध्यान अब 2028 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक पर है।”

प्रीति ने अपने अनुभवों को साझा करते हुये कहा, “मेरे पिता मुझे हर दिन फोन करते हैं और कहते हैं कि वापसी करने के लिए मेरे पास सबकुछ है। मेरे सभी प्रशिक्षकों ने हमेशा मुझसे कहा है कि मुझमें क्षमता है और जब इतने सारे लोग मुझ पर भरोसा करते हैं, तो इससे मुझे बेहतर करने के लिए अतिरिक्त प्रेरणा मिलती है और यह मुझे विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।”

उन्होने कहा “मेरे पास एक डायरी है जिसमें मैं अपने सपनों को चित्रों के रूप में लिखती रहती हूं कि मैं उन्हें कैसे पूरा कर सकता हूं और हर दिन अपने प्रशिक्षण के लिए मैदान में उतरने से पहले, मैं डायरी को देखती हूं और यह मुझे मेरे संघर्षों की याद दिलाती है।”

2016 में, प्रीति भारतीय महिला हॉकी टीम की सबसे कम उम्र की सदस्यों में से एक थीं, जिन्होंने रियो में अपने पहले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया था। उन्होंने 2018 में बेल्जियम में आयोजित अंडर-23 सिक्स नेशन टूर्नामेंट में 18 सदस्यीय भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम का नेतृत्व भी किया था।

प्रदीप

वार्ता

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