भारतPosted at: Apr 25 2019 8:42PM नौसेना कमांडर सम्मेलन संपन्न,दमखम बढाने पर हुई चर्चा
नयी दिल्ली 25 अप्रैल (वार्ता) नौसेना के शीर्ष कमांडरों ने देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित बनाने और हिन्द महासागर तथा हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नौसेना की पैठ बढाने की रणनीतियों पर यहां तीन दिन तक चले सम्मेलन में गहन विचार विमर्श किया।
मंगलवार को शुरू हुआ नौसेना के शीर्ष कमांडरों का यह सम्मेलन आज संपन्न हो गया।
सम्मेलन के पहले दिन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कमांडरों से भविष्य की चुनौतियों पर गहन मंथन करने का आह्वान करते हुए कहा कि नौसेना को हर दृष्टि से मजबूत बनाना जरूरी है क्योंकि ताकतवर नौसेना देश की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है। उन्होंने कहा कि कमांडरों को तीन दिन के इस समय का पूरा फायदा उठाते हुए भविष्य की चुनौतियों के मद्देनजर हर पहलू से गहन विचार विमर्श करना होगा जिससे नौसेना का दमखम बढाया जा सके।
रक्षा मंत्री ने थल सेना और वायु सेना के साथ संचालन और प्रशासन के स्तर पर तालमेल बढाने के नौसेना के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि नौसेना प्रमुख ने चेयरमैन ऑफ द चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के तौर पर अच्छा नेतृत्व दिया है। नौसेना द्वारा युद्धपोत बनाने में जरूरी और महत्वपूर्ण कलपुर्जों के डिजायन तथा विकास में सेवानिवृत हो चुके वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव और विशेषज्ञता का फायदा उठाने पर भी उन्होंने खासा जोर दिया। नौसेना में स्वदेशीकरण की प्रक्रिया को बढावा देने की भी उन्होंने वकालत की। नौसेना की संचालन तैयारियों , आधुनिकीकरण योजना और अन्य ढांचागत परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के बाद उन्होंने कमांडरों को सलाह दी कि वे कृत्रिम बौद्धिकता के बारे में गठित कार्य बल की सिफारिशों के अनुसार भारतीय स्टार्टअप कंपनियों की पहचान करें और इस क्षेत्र में दीर्घावधि के लिए योजना बनायें।
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने संचालन तैयारियों से लेकर क्षमता बढाने , नौसैनिक बेडों के रख रखाव , सैन्य साजो सामान , ढांचागत विकास और मानव संसाधन जैसे तमाम मुद्दों पर कमांडरों को संबोधित किया
शीर्ष कमांडरों का अगला सम्मेलन आगामी अक्टूबर या नवम्बर में होगा।
संजीव
वार्ता