बेंगलुरु 26 अप्रैल (वार्ता) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने हिंदू जनजागृति समिति से शिकायत मिलने के बाद बेंगलुरु के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर क्लेरेंस हाई स्कूल की कक्षा में हरेक दिन बाइबल पढ़ने के निर्देश के खिलाफ जांच की मांग की है।
एनसीपीआरसी ने लिखा,“शिकायत में बताए गए आरोपों के मद्देनजर, यह देखा गया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 और अनुच्छेद 2 और (3), किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन है।”
आयोग ने डीसी और डीएम से जांच शुरू करने और बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इसने उन्हें इस पत्र की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को भी कहा है।
कर्नाटक हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने शनिवार को आरोप लगाया था कि स्कूल गैर-ईसाई छात्रों को कक्षा में अनिवार्य रूप से बाइबिल ले जाने के लिए कह रहा है। उन्होंने आरोप लगाया,“स्कूल ने अपने प्रवेश पत्र में उल्लेख किया है कि छात्रों को अनिवार्य रूप से बाइबल पढ़ने, ले जाने और सीखने के लिए कहा गया है। वे गैर-ईसाई छात्रों को जबरदस्ती बाइबल पढ़ने और सीखने के लिए मजबूर कर रहे हैं।”
एनसीपीसीआर ने यह भी तर्क दिया कि शिक्षा संस्थान उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी छात्र पर धार्मिक शिक्षा लागू नहीं कर सकते हैं।
इसके जवाब में स्कूल के प्राचार्य जयदीप जॉर्ज ने संवाददाताओं से कहा कि संस्था देश का कोई कानून नहीं तोड़ेगी और इसके पैरोकारों को मामले की जानकारी है। उन्होंने यह भी कहा कि वह कुछ लोगों के बारे में जानता है जो स्कूल के बाइबल पढ़ने के निर्देश से परेशान हैं।
संजय,आशा
वार्ता