लखनऊ 14 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा चुनाव में पार्टी का जनाधार खिसकने की संभावना से चिंतित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने समर्थकों को आगाह करते हुये कहा कि संकीर्ण चुनावी स्वार्थ के लिये बाबा साहब डा भीमराव अंबेडकर के प्रति दिखावटी सम्मान करने वाली जातिवादी पार्टियों के छलावे से सावधान रहने की जरुरत है।
डा अंबेडकर की जयंती के मौके पर उन्होने कहा कि संकीर्ण चुनावी स्वार्थ के लिए बाबा साहेब का जितना दिखावटी सम्मान उतना ही ज्यादा उनके अनुयाइयों की उपेक्षा व तिरस्कार जातिवादी पार्टियों व उनकी सरकारों की ’मुँह में राम बगल मे छुरी’ की कहावत को चरितार्थ करने वाली पुरानी परम्परा है, जो आज भी लगातार जारी है और जिस छलावे से सावधानी बहुत ज़रूरी है।
सुश्री मायावती ने कहा कि जातिवादी पार्टियों की यहाँ अब तक रही सरकारों में न केवल डा अंबेडकर द्वारा रचित कल्याणकारी संविधान को उसकी मंशा के हिसाब से सही से लागू नहीं करके अर्थात् उसकी उपेक्षा करके ग़रीब व बहुजन-विरोधी काम लगातार किया है, बल्कि षडयंत्र करके इन वंचितों के सरकारी नौकरी व शिक्षा में आरक्षण सहित इनके हित व कल्याण के कानूनी व संवैधानिक अधिकारों को भी धीरे-धीरे एक-एक करके निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है, जबकि बसपा की यूपी में रही सरकारों में सामान्य वर्ग की सरकारी नौकरी पर लगी पाबन्दी को हटाकर सर्वसमाज को रोजगार के अवसर दिये गये तथा आरक्षण के बैकलॉग पदों को विशेष अभियान चलाकर भरा गया जिससे लाखों परिवारों को लाभ मिला और उन्हें बेरोजगारी के अभिशाप से मुक्ति मिली।
इसके विपरीत, कांग्रेस का ’गरीबी हटाओं’ का नारा सही नीयत व नीति के अभाव में केवल चुनावी स्लोगन बनकर पूरी तरह से विफल रहा और अब बहुजनों का यही बुरा हाल वर्तमान में बीजेपी सरकार में भी हो रहा है जब देश में ख़ासकर आसमान छूती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ापन का अभिशाप लोगों के जीवन को बद से बदतर बना रहा है, जबकि सरकार की गलत नीति व कार्यक्रमों के कारण केवल कुछ मुट्ठी भर अमीरों की अमीरी लगातार बढ़ती जा रही है, हालाँकि बाबा साहेब की सोच व उनका संविधान देश में पूँजीपतियों का नहीं बल्कि देश की सम्पत्ति/पूंजी में विकास सुनिश्चित करना चाहता है ताकि इसका लाभ सभी को बराबरी के साथ मिलकर देश की गरीबी व पिछड़ापन दूर हो।
उन्होने कहा कि यह लोकसभा चुनाव वह सही समय है जब देश व जनहित की इन ज़रूरी बातों को ध्यान में रखकर ही वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करें ताकि देश में सही संवैधानिक सोच वाली कल्याणकारी सरकार बन सके।
सुश्री मायावती ने कहा कि करोड़ों गरीबों, मजदूरों वंचितों, शोषितों की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, लाचारी व उनके अन्य दुख-दर्द को दूर किये बिना देश का वास्तविक विकास व लोगों के अच्छे दिन कैसे संभव है। भाजपा द्वारा अपने मुंह मियां मिटठू कब तक बनी रहेगी।
प्रदीप
वार्ता