जौनपुर, 09 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को कहा कि नई शिक्षा नीति व्यापक दृष्टिकोण पर आधारित है, जो भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने की ओर बढ़ाएगी। यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की अवधारणा के साथ भारतीय जनमानस की आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष ब्रह्मदेव मिश्रा के सेउर स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में श्री मिश्र ने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों की रुचि व विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसका उद्देश्य भारत को ज्ञान आधारित देश बनाना है। शिक्षा वही सार्थक है, जिसमें नयेपन पर जोर हो। नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज देश तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत में विश्व को एक साथ रखकर विश्व बंधुत्व को साकार करने की क्षमता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य ही शिक्षा और सीखने पर ध्यान केंद्रित करना और “भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति” बनाना है।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य 2040 तक एक कुशल शिक्षा प्रणाली बनाना है, जिसमें सभी शिक्षार्थियों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक समान पहुंच हो। इसका उद्देश्य एक नई प्रणाली का निर्माण करना है जो भारत की परंपराओं और मूल्य को अपने अंदर समाहित करते हुए विश्वगुरु बनने का मार्ग प्रशस्त करे।
उन्होंने कहा कि भारत का पुनः गौरव स्थापित करने के लिए नई शिक्षा नीति में भारत के सांस्कृतिक इतिहास, वैज्ञानिक उनवेष (नवाचार) इत्यादि आयामों पर विशेष बल दिया गया है।बिना शिक्षा के मनुष्य का जीवन ही अधूरा रहता है। आज के तकनीक के युग में तकनीक आधारित पूंजी का निर्माण होता है, आज जिसके पास तकनीक है वही पूंजीपति है। नई शिक्षा नीति जन-जन को तकनीकी ज्ञान एवं अपने संस्कृति का ज्ञान देने के लिए लाई गई है।
उन्होंने देश में हो रहे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों से अधिक से अधिक संख्या में बूथों पर जाकर मतदान करने की भी अपील की। वहां पहुंचने पर पुलिस लाइन से आये गार्डों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद डाक्टर यमुना शंकर पांडेय द्वारा रचित पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद यादव , विधायक शाहगंज रमेश सिंह, डॉक्टर सुरेश पाठक, सुरेंद्र सिंघानिया, सुरेश चंद गुप्त, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
सं प्रदीप
वार्ता