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नारी शक्ति के बिना संभव नहीं संसार का संचालन : डॉ. गोपाल

सासाराम 11 मार्च (वार्ता) डॉ. गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह ने आज कहा कि नारी शक्ति के बिना संसार का संचालन संभव नहीं है।
डॉ. सिंह ने सोमवार को यहां देव मंगल सभागार में डॉ. गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के दो दिवसीय द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘बहुआयामी अनुसंधान में महिलाओं की भूमिका’ विषयक परिचर्चा के दौरान अपने संबोधन में कहा, “हम महिलाओं की सहभागिता के बारे में बात कर रहे हैं। साल में सिर्फ एक बार स्त्रियों का नमन करें तो उनकी स्थितियों में बदलाव नहीं होगा। हमारे भारतवर्ष की संस्कृति में सिर्फ स्त्रियों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस देश की रचना स्त्रियों ने ही की है। हमें समझना होगा कि नारी शक्ति के बिना बेहतर समाज निर्माण और संसार के संचालन की कल्पना नहीं की जा सकती। महिलाओं के प्रति जो हमारा सम्मान, झुकाव है इसको आप सभी अपने साथ ले जाएं।”
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने कहा कि जबसे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर विश्वविद्यालय और शिक्षकों की सोच को लेकर संवेदनशील रहे हैं। बिहार की जो दयनीय स्थिति शिक्षा के क्षेत्र में है उसमें सुधार करने के उद्देश्य से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा योगदान राज्यपाल का रहा, जिन्होनें शिक्षकों को प्रेरित किया।
डॉ. सिंह ने कहा कि शिक्षकों का छात्र-छात्राओं के प्रति जिम्मेदारी और शिक्षक के समर्पण के बिना विद्यार्थियों का भला नहीं हो सकता। यदि इतिहास पर गौर करें तो पायेंगे कि विश्वामित्र ने राम और चाणक्य ने चंदगुप्त को तैयार किया। आज एक महान पुरुष का फिर जन्म हुआ है जो देश को अपनी पुरानी परंपरा, शिक्षा पद्वति को लाने कि कोशिश कर रहे हैं, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। जाहिर है भारत को किसी भगवान ने नहीं बल्कि गुरुओं ने बनाया है।
इस सम्मेलन में देश-विदेश के 2500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।सम्मेलन में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय कुमार, तुर्की के ब्रोनोवा स्थित इजीइ विश्वविद्यालय की डॉ. एल्मास इंची एर्किन, विश्वविद्यालय के प्रबंध निदेशक विक्रम नारायण सिंह, सम्मेलन की अध्यक्ष मोनिका सिंह, विवि के सचिव गोविन्द नारायण सिंह, प्रो. एम. के। सिंह, डॉ. जगदीश सिंह, संगीता सिंह आदि ने भी अपने- अपने विचार रखे। मंच संचालन प्राचार्या डॉ. के लता और संकाय डॉ. ज्योति ने संयुक्त रूप से किया।
सूरज
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