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फर्जी कॉल मामले में आईपीएस आदित्य के खिलाफ आरोप तय, जमानत पर छूटे

पटना 25 अप्रैल (वार्ता) बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर पैरवी करने के मामले में अभियुक्त बनाए गए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ पटना की एक विशेष अदालत ने आज आरोप तय कर दिया और बाद में उन्हें जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया।
आर्थिक अपराध मामलों की विशेष अदालत की न्यायाधीश सारिका बहालिया की अदालत में आईपीएस आदित्य कुमार को आज जेल से लाकर पेश किया गया था, जहां अदालत ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को पढ़कर सुनाया। आरोपों को सुनने के बाद आईपीएस श्री कुमार ने अपने ऊपर लगाये गये आरोपों से इनकार किया। इसके बाद अदालत ने मामले में अभियोजन को साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। बाद में अदालत ने पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर आईपीएस श्री कुमार को जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि गया जिले के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमे और विभागीय कार्रवाई को रफा-दफा करने के लिए पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनकर मामले के एक अन्य अभियुक्त द्वारा डीजीपी बिहार को फर्जी कॉल किए जाने को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने मुकदमा संख्या 33/2022 भारतीय दंड विधान की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120बी और 66 तथा 66 डी आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया था। इस मामले में फर्जी कॉल करने वाले अभिषेक जायसवाल उर्फ अभिषेक भोपाली एवं आईपीएस आदित्य कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है।
सं. सूरज
वार्ता
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